GST New Rate: फूड डिलीवरी एप से आनलाइन खाना मंगाना अब महंगा, जानें- जीएसटी काउंसिल बैठक के महत्वपूर्ण फैसले

GST New Rate केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि काउंसिल की बैठक में तय हुआ है कि फूड डिलीवरी एप के जरिये खानपान की आपूर्ति में जीएसटी अब उस प्वाइंट से लिया जाएगा जहां खाने की डिलीवरी हुई हो। अभी तक यह टैक्स रेस्टोरेंट देते थे।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 10:19 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 09:27 AM (IST)
GST New Rate: फूड डिलीवरी एप से आनलाइन खाना मंगाना अब महंगा, जानें- जीएसटी काउंसिल बैठक के महत्वपूर्ण फैसले
स्विगी और जोमैटो जैसे फूड डिलीवरी एप से आनलाइन खाना मंगाना अब महंगा होगा।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। स्विगी और जोमैटो जैसे फूड डिलीवरी एप से आनलाइन खाना मंगाना अब महंगा होगा। वहीं, पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों से भी फिलहाल राहत नहीं मिलने वाली है। शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक में ज्यादातर राज्यों ने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का विरोध किया है। वहीं कोरोना और कैंसर के इलाज में काम आने वाली दवाओं समेत कुछ अन्य जीवनरक्षक औषधियां अब सस्ती होंगी।

कर चोरी को रोकने के लिए जीएसटी काउंसिल ने जोमैटो और स्विगी जैसे फूड डिलिवरी एप को जीएसटी के दायरे में लाने का निर्णय किया है। केंद्रीय राजस्व सचिव तरुण बजाज ने स्पष्ट किया कि यह कोई नया टैक्स नहीं है। रेस्टोरेंट ग्राहकों से जीएसटी लेकर उसका भुगतान सरकार को करते हैं, लेकिन यह पाया गया कि रेस्टोरेंट ग्राहक से टैक्स तो लेते थे लेकिन सरकार को उसका भुगतान नहीं करते थे। इसलिए अब एग्रीगेटर (फूड डिलिवरी कंपनियों) उस जीएसटी को ग्राहक से लेकर सरकार को देंगे। यह नियम पहली जनवरी से लागू होगा।

महंगे पेट्रोल-डीजल से राहत नहीं : पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों से फिलहाल राहत नहीं मिलने वाली है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की 45वी बैठक में ज्यादातर राज्य पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर सहमत नहीं हुए। निर्मला सीतारमण ने बताया कि केरल हाईकोर्ट ने जीएसटी काउंसिल को पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार करने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट के निर्देश पर यह मुद्दा काउंसिल के विचारार्थ रखा गया था। बैठक में ज्यादातर राज्यों ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर असहमति जतायी है। यह कहते हुए कि इसके लिए यह उचित समय नहीं है। 

जीवनरक्षक दवाओं पर छूट : सीतारमण ने बताया कि जीएसटी काउंसिल ने कोविड-19 और ब्लैक फंगस के इलाज में काम आने वाली चार दवाओं पर दी गई जीएसटी की छूट की अवधि को 31 दिसंबर तक बढ़ाने का फैसला किया है। इनमें एंफोटेरिसीन-बी, टोसिलिजुमैब पर जीएसटी की दर शून्य तथा रेमडेसिविर व हेपेरिन पर पांच फीसद रहेगी। यह भी स्पष्ट किया कि कोविड के इलाज से संबंधित जिन उपकरणों पर 30 सितंबर तक छूट दी गई थी, उन पर रियायत की समयसीमा नहीं बढ़ायी गई है। काउंसिल ने कोविड की कुछ अन्य दवाओं पर जीएसटी की दर को घटाकर 12 से पांच प्रतिशत करने का निर्णय किया है। इनमें इटोलिजुमैब, पोसाकोनाजोल, इन्फ्लिक्सिीमैब, फेविपिराविर, केसिरिविमैब व इमडेविमैब, 2-डीआक्सी-डी-ग्लूकोज और बामलानिविमैब व एटिसिविमैब जैसी दवाएं शामिल हैं। यह छूट भी 31 दिसंबर तक होगी। पहली अक्टूबर से कैंसर की दवा केट्रूडा पर जीएसटी की दर को 12 से घटाकर पांच फीसद करने का निर्णय हुआ है। मांसपेशियों में सिकुड़ने के इलाज के लिए आयात की जाने वाली महंगी दवाओं जोलजेन्समा और विलटेप्सो को सस्ता करने के उद्देश्य से उन्हें आइजीएसटी से मुक्त कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मांसपेशियों में सिकुड़न के इलाज के लिए जिन दवाओं को संस्तुत किया है, व्यक्तिगत उपभोग के लिए उन्हें खरीदने पर आइजीएसटी अब 12 की बजाय पांच फीसद लगेगा।

इन वस्तुओं पर पहली अक्टूबर से जीएसटी की नई दरें दिव्यांगों द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले वाहनों की रेट्रो फिटमेंट किट पर जीएसटी की दर को घटाकर पांच फीसद किया गया है। आइसीडीएस के इस्तेमाल के लिए पौष्टिकता से भरपूर फोटिफाइड चावल पर जीएसटी दर अब 18 की बजाय पांच फीसद होगी। तेल कंपनियों द्वारा डीजल में मिलाने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले बायोडीजल पर जीएसटी की दर को 12 से घटाकर पांच फीसद किया गया है। सभी तरह के पेन पर 18 फीसद जीएसटी होगा। रेलवे पार्ट्स , लोकोमोटिव पार्ट्स पर 12 की बजाय 18 फीसद लगेगा जीएसटी। कागज से बने कार्ड, कैटेलाग व प्रिंटेड सामग्री पर 12 से 18 फीसद हुआ जीएसटी। कागज से बने कार्टन, बाक्स, बैग व पैकिंग कंटेनर पर अब 18 फीसद जीएसटी। अक्षय ऊर्जा के विशिष्ट उपकरणों व कलपुर्जों पर जीएसटी पांच से बढ़कर 12 फीसद।

ईंट भट्ठों के लिए विशेष कंपोजीशन स्कीम : काउंसिल ने 20 लाख तक के टर्नओवर वाले ईंट भट्ठों के लिए अप्रैल 2022 से विशेष कंपोजीशन स्कीम शुरू करने पर सहमति दी है। ईंट भट्ठों के लिए बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट के छह प्रतिशत जीएसटी दर तय की गई है। यदि वे इनपुट टैक्स क्रेडिट लेते हैं तो उन्हें 12 फीसद जीएसटी देना होगा। वहीं, काउंसिल ने तंबाकू उत्पादों और पान मसाला पर उत्पादन क्षमता के आधार पर लेवी लगाने के प्रस्ताव के परीक्षण के लिए मंत्रियों के समूह को तीन महीने का समय और देने पर रजामंदी दी है।

chat bot
आपका साथी