उत्तर प्रदेश के 16 जिलों के 517 गांवों में बाढ़, शारदा और सरयू नदी ने खतरे के निशान को लांघा

उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने दावा किया कि अमूमन सभी तटबंध सुरक्षित हैं। एनडीआरएफ की 15 टीमें तथा एसडीआरएफ व पीएसी की सात टीमें तैनाती की गयी हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 10:47 AM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 09:59 PM (IST)
उत्तर प्रदेश के 16 जिलों के 517 गांवों में बाढ़, शारदा और सरयू नदी ने खतरे के निशान को लांघा
उत्तर प्रदेश के 16 जिलों के 517 गांवों में बाढ़, शारदा और सरयू नदी ने खतरे के निशान को लांघा

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के 16 जिलों में 517 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। शारदा नदी पलिया कला लखीमपुरखीरी, सरयू (घाघरा) नदी तुर्तीपार बलिया में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। आपदा नियंत्रण के लिए राज्य व जिला स्तर पर कंट्रोल रूम को 24 घंटे सक्रिय रखने के निर्देश दिए गए हैं। अवध क्षेत्र में भी नदियों के जलस्तर बढ़ने का दौर जारी है। खासकर घाघरा व शारदा नदी के तटवर्ती जिलों की आबादी प्रभावित हो रही है। साथ ही कटान से तटबंध क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। राहत एवं बचाव के लिए प्रशासन की टीम बाढ़ क्षेत्र में सक्रिय कर दी गई है।

उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं बाढ़ प्रभावित जिलों की निगरानी कर रहे है। ऊपरी क्षेत्रों में स्थित बांधों व जलाशयों से पानी छोड़े जाने की लगातार जानकारी रखने के निर्देश दिए गए है। वरिष्ठ अधिकारियों को तटबंधों का नियमित निरीक्षण करने को कहा गया है। उन्होंने दावा किया कि अमूमन सभी तटबंध सुरक्षित हैं। एनडीआरएफ की 15 टीमें तथा एसडीआरएफ व पीएसी की सात टीमें तैनाती की गयी हैं। कुल 644 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी हैं।

राहत आयुक्त संजय गोयल ने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बाढ़ आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 300 शरणालय तथा 735 चौकी स्थापित की गयी है। प्रदेश के 16 जिलों अंबेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, गोंडा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, देवरिया, संतकबीरनगर, तथा सीतापुर के 517 गांवों बाढ़ से प्रभावित है। शारदा नदी, पलिया कला लखीमपुरखीरी, सरयू (घाघरा) नदी, तुर्तीपार बलिया में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। प्रदेश में 200 पशु शिविर स्थापित हैं। 6,17,920 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं।

बिजनौर बैराज से पानी छोड़ने से गंगा उफनाई, खेतों में घुसा पानी : अमरोहा में बिजनौर बैराज से 1.49 लाख क्यूसेक पानी और छोड़ने से गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। तिगरी में गंगा का जलस्तर बढ़कर 200.10 मीटर गेज पर पहुंच गया है। इससे दारानगर, ओसीता जगदेपुर समेत दर्जन भर से अधिक गांवों के खेतों व रास्तों पर पानी भर गया है। प्रशासन ने अलर्ट घोषित कर संबंधित क्षेत्रों में लेखपालों की ड्यूटी लगाई है। बाढ़ नियंत्रण खंड विभाग के एक्सईएन मनोज कुमार के मुताबिक बिजनौर बैराज से गंगा नदी में मंगलवार को भी 1.14 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। लगातार दो दिन में ढाई लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने से गंगा नदी और सहायक नहर रामगंगा, पोषक नहर व बाहय नाला ओवरफ्लो हो गया है। अभी तिगरी का जलस्तर 200.10 मीटर गेज है। खतरे का निशान 202.420 मीटर गेज पर है। वहीं तहसीलदार सदानंद सरोज ने बताया कि लेखपालों की ड्यूटी लगाकर उन्हें नजर रखने के निर्देश दिए हैं।

घाघरा बाराबंकी व बहराइच में खतरे के निशान से ऊपर : बहराइच में भी घाघरा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। तीनों बैराजों से तीन लाख 26 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। एल्गिन ब्रिज पर जलस्तर खतरे के निशान से 75 सेंटीमीटर ऊपर हैं। घाघरा की लहरें तटवर्ती गांवों तक पहुंच रहीं हैं। 40 गांव व बौंडी थाना बाढ़ के पानी से जलमग्न हो गया है। बाढ़ के पानी में डूब रही तकिया की महिला को ग्रामीणों ने किसी तरह बचा लिया। बाराबंकी में भी घाघरा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। खतरे के निशान 106.070 के सापेक्ष जलस्तर बुधवार को सुबह 11:00 बजे 106. 996 मीटर हो गया। बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरण की तैयारी प्रशासन कर रहा है। लोग सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर रहे हैं।

तिकुनिया पर भी कटान का खतरा : लखीमपुर में शारदा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। तिकुनिया पर भी कटान का खतरा मंडराने लगा है। ग्राम पलिया कलां क्षेत्र में सूरजपुर के पास टूटे तटबंध की मरम्मत का काम जारी है। धौरहरा क्षेत्र में शारदा नदी का पानी रैनी और आस पास के गांवों में भरा हुआ है, हालांकि बुधवार को यह घटना शुरू हुआ। लेकिन, कटान को देखते हुए लोग नदी किनारे से घरों को तोड़कर हट रहे हैं। रामनगर बगहा में फसलों समेत जमीन कटान हो रहा है। फूलबेहड़ क्षेत्र में शारदा का पानी बढ़ने से रास्ते पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। गोंडा में घाघरा के जलस्तर में बढ़त के साथ तरबगंज के भिखारीपुर सकरौर तटबंध में ऐली परसौली में कटान का क्रम बढ़ गया है। जिससे तरबगंज तहसील के ऐली परसौली गांव के आधा दर्जन मजरे प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में यहां पर रह रहे लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में जुट गए हैं।

राप्ती नदी तेजी से कटान जारी : बलरामपुर में सदर ब्लॉक के ढोढरी गांव में राप्ती नदी तेजी से कटान कर रही है। सैकड़ों बीघे कृषि योग्य जमीन नदी की धारा में बह गई है। हरैया सतघरवा क्षेत्र में पहाड़ी नाला धोबीनिया तबाही मचा रहा है। नाला सहतीपुरवा, गोड़टूटवा गांव के पास कटान कर रहा है। कटान रोकने के लिए किए जा रहे इंतजाम पानी में बह जा रहे हैं। प्राथमिक विद्यालय कल्याणपुर को बचाने के लिए बंबू कैरेट व मिट्टी भरी बोरी लगाने का कार्य एक सप्ताह से चल रहा है, लेकिन स्कूल का आधा भवन नदी की धारा में बह गया।सुलतानपुर में गोमती नदी के जल स्तर में मामूली बढ़त हुई है। बुधवार की दोपहर इसका जल स्तर 80.620 मीटर दर्ज किया गया।

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