Shab-E-Barat in Lucknow: जगमग हुईं कब्रें, फिजाओं में फैली खुशबू; अपनों को याद कर नम हुई आंखें

Shab-E-Barat 2021 in Lucknow कोरोना संक्रमण से बचने की अपील का दिखा असर। शब-ए-बरात पर अपनों को याद कर नम हुईं आंखें। ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि शब-ए-बरात को लेकर जारी गाइडलाइन का सभी कब्रिस्तानों पर पालन किया गया।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Sun, 28 Mar 2021 10:08 PM (IST) Updated:Mon, 29 Mar 2021 07:56 AM (IST)
Shab-E-Barat in Lucknow: जगमग हुईं कब्रें, फिजाओं में फैली खुशबू; अपनों को याद कर नम हुई आंखें
Shab-E-Barat 2021 in Lucknow: कोरोना संक्रमण से बचने की अपील का दिखा असर।

लखनऊ, जेएनएन। Shab-E-Barat 2021: रोशनी से नहाए कब्रिस्तान, अपने-अपने पूर्वजों की कब्रों पर फातिहा पढ़ते मुस्लिम समाज के लोग, अगरबत्ती और मोमबत्ती जलाकर पूर्वजों को याद करते लोगों ने गुलजार कब्रगाह। कुछ ऐसा ही माहौल रविवार को कब्रगाहों पर नजर आया। मौका था, शब-ए-बरात का।

इस्लामी महीने के शाबान की 14 तारीख को मनाए जाने वाले शब-ए-बरात के दिन कब्रिस्तानों में जाकर मुस्लिम समाज के लोग अपने मृत पूर्वजों, रिश्तेदारों और दोस्तों की कब्रों पर तिलावते कलाम-ए-पाक, करके दुआएं मांगते हैं। इसी के चलते शाम होते ही लोगों का परिवार के साथ कब्रिस्तान पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। 

गाइडलाइन का सभी ने किया पालन:  फातिहाख्वानी और नज्र के साथ कोरोना संक्रमण की गाइड लाइन का पालन करने की मौलानाओं की अपील का असर भी नजर आया। ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि शब-ए-बरात को लेकर गाइड लाइन जारी की गई थी,  जिसका सभी कब्रिस्तानों पर पालन किया गया। फिजाओं में अगरबत्तियों की खुशबू फैली तो दिवंगतों को याद कर उनकी आंखें नम हो गईं। ऐशबाग, तालकटोरा, आलमबाग वीआइपी रोड, कर्बला मलका जहां, कपूरथला अलीगंज, इमामबाड़ा आगा बाकर, इमामबाड़ा गुफरानमआब, कर्बला अब्बास बाग, इमदाद हुसैन खां की कर्बला सहित शहर के सभी कब्रिस्तानों में मोमबत्तियां जल रही थीं तो इत्र और अगरबत्ती की खुशबू फिजाओं में फैल रही थी।

हजरत इमाम मेंहदी की विलादत आज: हजरत इमाम मेहदी की विलादत के मौके पर सोमवार को गोमती नदी स्थित मेंहदी घाट पर बजरे की जियारत होगी। बजरा नाव पर लोहे के पाइपों लगाकर तैयार किया जा चुका है। रविवार की देर रात से ही तैयारियां शुरू हो गई। सोमवार को सुबह गोमती के घाट पर प्रवाहित की जाएगी। रंग-बिरंगी लाइटें भी लगायी जा रही हैं। अंजमुन की टीम बजरा बनाने में लगी हुई है। बजरा रविवार की शाम तक तैयार हो जाएगा। मगरिब की नमाज से लेकर सोमवार सुबह 5.30 बजे तक लोग इसकी जियारत कर सकेंगे। रविवार रात 12 बजे मौलाना हसन जहीर बजरे पर नज्र पेश किया। इसके बाद रातभर महफिल और नज्रों का सिलसिला जारी रहेगा। अली मुत्तकी जैदी और सुबह की नमाज के बाद मौलाना नाजिर अब्बास महफिल को खिताब करेंगे। 29 मार्च को सुबह आठ बजे होने वाली महफिल होली को देखते हुए दोपहर 12 बजे मौलाना एजाज अतहर व दोपहर दो बजे मौलाना मुहम्मद मशरिकैन खिताब करेंगे। कर्बला में रंगाई-पुतायी का काम तेजी से हो रहा है। इसके अलावा आसिफी इमामबाड़ा और इमामबाड़ा शाहनजफ हजरतगंज सहित इमामबाडों और कर्बलाओं में भी महफिल होगी।

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