लखनऊ में पांच मंजिला भवन खड़ा होने के बाद हुआ सील, अवैध निर्माण को लेकर हुई थी एलडीए में शिकायत
वजीरगंज में अवर अभियंता व सुपरवाइजर की मिलीभगत से अवैध निर्माण कराकर खड़ी की गई पांच मंजिला बिल्डिंग। विहित प्राधिकारी ने मामला संज्ञान में आते ही अवैध निर्माण कराया सील। स्थानीय लोगों ने बताया कि सुपरवाइजर और अभियंता यहां पहले भी आते रहे हैं।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) के स्थानीय अवर अभियंता प्रवर्तन ने पहले अवैध निर्माण कराया और पांच मंजिला निर्माण न सिर्फ खड़ा करवाया बल्कि शटर, फिनिशिंग होने तक निर्माणकर्ता का साथ दिया। यह क्रम करीब एक साल चला। अब जोन छह के अधिशासी अभियंता कमलजीत सिंह ने गुरुवार को भवन सील करा दिया। कमलजीत को जोन छह का कार्य चंद दिन पहले ही मिला, लेकिन स्थानीय अभियंता कुलदीप त्यागी यहां लंबे समय से तैनात है।
यह 250 वर्ग मीटर का अवैध निर्माण शाफिया खातून, लल्लूमल मंदिर रोड, बाग शेरगंज, वजीरगंज के पास हुआ है। सवाल खड़ा होता है क्या लविप्रा के जिम्मेदारों ने स्थानीय स्तर पर सुपरवाइजर और अवर अभियंता प्रवर्तन की जवाबदेही तय की। यह पांच मंजिला इमारत रातों रात तो खड़ी नहीं हुई होगी? इस पूरे खेल में निर्माणकर्ता से ज्यादा अभियंता दोषी हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि सुपरवाइजर और अभियंता यहां पहले भी आते रहे हैं। नोटिस और कार्रवाई का काम वर्ष 2021 के मध्य से शुरू हुआ। निर्माण वर्ष 2020 से चल रहा था।
विहित प्राधिकारी ने उल्लेख किया है कि वर्तमान स्थलीय फोटोग्राफ से स्पष्ट है कि विपक्षी द्वारा सेटबैक प्रभावित करते हुए पांच तलों का निर्माण कराया है। सूत्रों के मुताबिक अवर अभियंता व निर्माणकर्ता के बीच तालमेल बिगडऩे पर यह कार्रवाई की गई। अब निर्माणकर्ता इतना पैसा लगाने के बाद बिल्डिंग सील करके तो रखेगा नहीं, ऐसे में अवर अभियंता के उसे फिर से चक्कर लगाने पड़ेंगे। बता दें कि लविप्रा में प्रवर्तन की कार्यप्रणाली से प्राधिकरण की छवि सबसे ज्यादा धूमिल हो रही है, यह स्थिति लगभग सभी जोन की है।