लखनऊ में साल्वर गिरोह के सरगना समेत पांच और गिरफ्तार, एसएससी स्टेनोग्राफर की परीक्षा में बैठाए थे साल्वर

इंस्पेक्टर आशियाना धीरज शुक्ला ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों में सरगना सुशील कुमार के अलावा प्रयागराज नवाबगंज कुराली का अवधेश कुमार होलागढ़ जीतपुर दयाल का अवधेश कुमार कप्तानगंज का गिरजेश पटेल और फफामऊ मलाक चतुरी का रहने वाला देवकी नंदन है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 06:51 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 06:51 PM (IST)
लखनऊ में साल्वर गिरोह के सरगना समेत पांच और गिरफ्तार, एसएससी स्टेनोग्राफर की परीक्षा में बैठाए थे साल्वर
प्रयागराज में कोचिंग चलाता था सरगना, कार, नकदी और दस्तावेज बरामद।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। एसएससी स्टेनोग्राफर की स्किल टेस्ट परीक्षा में साल्वरों को बैठाने वाले गिरोह के सरगना सुशील कुमार समेत पांच लोगों को आशियाना पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया है। सरगना प्रयागराज के तेलियरगंज में शारदा इंस्टीट्यूट के नाम से कोचिंग चलाता था। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपितों के पास से 40 हजार रुपये, स्कार्पियो कार, फर्जी दस्तावेज, एडमिट कार्ड, मोहर और चार मोबाइल फोन बरामद किए हैं। गिरफ्तार आरोपितोंं को पुलिस ने जेल भेज दिया।

इंस्पेक्टर आशियाना धीरज शुक्ला ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों में सरगना सुशील कुमार के अलावा प्रयागराज नवाबगंज कुराली का अवधेश कुमार, होलागढ़ जीतपुर दयाल का अवधेश कुमार, कप्तानगंज का गिरजेश पटेल और फफामऊ मलाक चतुरी का रहने वाला देवकी नंदन है। ध्यान रहे, बीते शनिवार को पुलिस ने बिजनौर रोड ओमेक्स सिटी स्थित टीसीएस आइओएन डिजिटल जोन में परीक्षा का आयोजन किया जा रहा था। पुलिस ने यहां फोटो मिलान के दौरान कक्ष निरीक्षक ने साल्वरों को पकड़ा था। इसके बाद पुलिस ने आठ साल्वर और पांच अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया था।

सरगना सुशील शार्ट हैंड एंड टाइपिंग की चलाता है कोचिंग : एसीपी कैंट अर्चना सिंह ने बताया कि सरगना सुशील तेलियरगंज में शार्ट हैंड एवं टाइपिंग की कोचिंग चलाता था। एसएससी स्टेनोग्राफर के लिए फार्म आते हैं। उस समय वह अपने एजेंटों के माध्यम से अभ्यर्थियों की तलाश करता है। प्रति अभ्यर्थी चार से पांच लाख रुपये परीक्षा पास कराने का ठेका लेता था। अभ्यर्थियों से रुपये ले लेता है। फार्म भरवाने के दौरान कंप्यूटर से अभ्यर्थी और साल्वर दोनों की फोटो की मिक्सिंग करके फार्म पर लगवाता था। वही फोटो धुंधली टाइप की पहचानपत्र में लगकर आती थी। साल्वरों को परीक्षा के दो दिन पहले जानकारी देकर उन्हें उस शहर में एडमिट कार्ड देकर भेजता था जहां सेंंटर होता है।

गिरोह के सदस्यों के बटे थे काम : सरगना सुशील ने गिरोह के साल्वर और एजेटों के सबके काम बाट रखे थे। खुद पूरे गिरोह को चलाता था। अवधेश कुमार का काम गाड़ियों की व्यवस्था करना एवं क्लाइंट से रुपये लेना। गिरजेश पटेल और देवकीनंदन छात्रों, साल्वर की फोटो को मिक्सिंग का काम देखता था। वहीं, राजेंद्र कुमार अभ्यर्थी है इसके स्थान पर पूर्व में गिरफ्तार साल्वर सुमित सोनी ने परीक्षा दी थी।

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