उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर, वज्रपात से पांच की मौत-नौ झुलसे Lucknow News
वज्रपात से चार महिलाओं समेत नौ लोग झुलसे। तटवर्ती गांवों में पानी घुसा फसलें चौपट लोगों में दहशत।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में प्रमुख नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव के बीच बाढ़ का कहर जारी है। वहीं, बारिश के दौरान शनिवार को प्रदेश में वज्रपात से पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि नौ लोग झुलस गए। सैकड़ों गांवों में पानी घुस गया है। फसलें चौपट हो गई हैैं। लोग दहशत में हैैं।
अवध क्षेत्र में सरयू और घाघरा नदियां उफान पर हैं। एल्गिन ब्रिज पर नदी खतरे के निशान से 21 सेमी ऊपर बह रही है। 26 गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। ऐसे में लोगों को आशियाना छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ रहा है। बहराइच में शुक्रवार देर शाम सरयू नदी का जलस्तर बढऩे से महसी के गरेठी गुरुदत्त ङ्क्षसह, बहदुरिया, धनावा, चुरईपुरवा समेत छह गांव व शिवपुर ब्लॉक के तकरीबन 20 गांवों में पानी भरने लगा। गोंडा में तरबगंज तहसील क्षेत्र के 15 मजरे बाढ़ की चपेट में आ गए हैं तो अयोध्या में चार गांव के लगभग 300 परिवार घाघरा के पानी से घिर गए हैं, जबकि आंबेडकर नगर में घाघरा का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। इससे अतिरिक्त बाराबंकी में घाघरा के जलस्तर में कमी दर्ज की गई है। सीतापुर में घाघरा का तटबंध कटने की वजह से क्षेत्र के 35 गांवों पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। बलरामपुर में राप्ती नदी के जलस्तर में कमी आई है। अब कटान का डर सताने लगा है। श्रावस्ती में भी राप्ती बैराज पर नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है।
मीरजापुर, बनारस, गाजीपुर व बलिया में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। शनिवार सुबह गंगा की बाढ़ कुछ घंटे के लिए थमी तो जरूर लेकिन दोपहर बाद फिर आधा से एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ाव होने लगा। चारों जिलों में सैकड़ों की संख्या में गांव बाढ़ प्रभावित हैं। इससे फसल और सब्जियों की खेती पानी में डूब गई है। वाराणसी में गंगा और वरुणा के तटवर्ती इलाकों में कई और गांव व मोहल्लों में पानी पहुंच गया है। वाराणसी में वरुणा नदी का पानी घनी आबादी वाले मोहल्लों में पहुंचने से करीब एक हजार पावरलूम बंद पड़ गए हैं। मीरजापुर के हलिया क्षेत्र में बारिश के बीच वज्रपात से पांच की मौत हो गई। वज्रपात की चपेट में आने से चार महिलाओं समेत नौ लोग झुलस गए।
फतेहपुर, औरैया, उरई, बुंदेलखंड में विकराल रूप धारण कर डरा रही यमुना कई जगह घटने के बाद भी अभी के निशान के ऊपर है। उधर, बेतवा और चंबल नदी का जलस्तर भी घटा है। बाढ़ का पानी घटने से बर्बादी का मंजर दिखाई पड़ रहा है। उजड़ी घर-गृहस्थी और तबाह फसलें बताने के लिए काफी हैं कि ग्रामीणों की जिंदगी अभी कितनी चुनौतियों से गुजरनी है। पानी के घटने के साथ ही सड़ांध और गंदगी से बीमारी की आशंका पैर पसारने लगी है।
मुख्यमंत्री का कार्यक्रम निरस्त
इटावा : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चकरनगर तहसील में चंबल नदी की बाढ़ से प्रभावित पीडि़तों को राहत सामग्री बांटने आना था। खराब मौसम के कारण उनका कार्यक्रम निरस्त हो गया। मुख्यमंत्री को भदौरियनपुरा में आगरा से एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद आना था।