हरदोई मेडिकल कालेज का टेंडर लेने को लगाए फर्जी अभ‍िलेख, प्रशासन ने द‍िया एफआइआर करने का आदेश

नोडल अधिकारी की तरफ से की गई कार्रवाई के बारे में बताया गया कि उन्होंने निर्माणाधीन मेडिकल कालेज का निर्माण देख रही कार्यदायी संस्था उप्र राज्य निर्माण निगम के अभियंताओं और अधिकारियों की संलिप्तता की भी आशंका जाहिर की है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 07:14 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 07:34 AM (IST)
हरदोई मेडिकल कालेज का टेंडर लेने को लगाए फर्जी अभ‍िलेख, प्रशासन ने द‍िया एफआइआर करने का आदेश
206.33 करोड़ की लागत से बन रहा है मेडिकल कॉलेज।

हरदोई, जागरण संवाददाता। निर्माणाधीन मेडिकल कालेज में खेल और फर्जी अभिलेखों से टेंडर हथियाने का मामला सामने आया है। जिले की नोडल अधिकारी युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल विभाग की अपर मुख्य सचिव डिंपल वर्मा ने टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी की पुष्टि की है। उनकी तरफ से बताया गया कि उन्होंने कार्यदायी संस्था उप्र राज्य निर्माण निगम के अधिकारी, अभियंता एवं काम करा रही फर्म के संचालक के विरुद्ध एफआइआर के आदेश दिए हैं। हालांकि स्थानीय स्तर पर अधिकारी इस संबंध में चुप्पी साधे है।

नोडल अधिकारी की तरफ से की गई कार्रवाई के बारे में बताया गया कि उन्होंने निर्माणाधीन मेडिकल कालेज का निर्माण देख रही कार्यदायी संस्था उप्र राज्य निर्माण निगम के अभियंताओं और अधिकारियों की संलिप्तता की भी आशंका जाहिर की है। विभागीय जानकारों के अनुसार निर्माण निगम के अधिकारियों को लिखे पत्र में कानपुर विकास प्राधिकरण के फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के सहारे से मेडिकल कालेज के टेंडर को हथियाने की बात कही है और एफआइआर दोषियों के खिलाफ एफआइआर का आदेश दिया है।

अपर मुख्य सचिव ने इस संबंध में पूरी जांच और कार्रवाई की संस्तुति काफी पहले की थी, लेकिन चर्चा है कि जिम्मेदार दोषियों को बचाने के लिए कार्रवाई को ही दबाए बैठे हैं। कार्रवाई लखनऊ में बैठे अधिकारियों के स्तर से होने के कारण जिले के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। वहीं निर्माण निगम के कार्यप्रभारी जेएन चक्रवर्ती का कहना है कि मेडिकल का ई-टेंडर कराया गया है, इसके लिए कमेटी भी गठित हुई थी। फर्म के सभी अभिलेख आनलाइन लिए गए थे। कार्रवाई के संबंध में उन्होंने बताया कि अभी तक उनके संज्ञान में कोई पत्र आदि नहीं आया है

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