छात्रवृत्ति घोटाले के 109 मामलों में एफआइआर की मंजूरी

भ्रष्टाचार के मामलों में तेजी से कार्रवाई कर रही योगी सरकार ने छात्रवृत्ति घोटाले के 109 मामलों में एफआइआर की मंजूरी दे दी है।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Wed, 12 Sep 2018 10:01 PM (IST) Updated:Thu, 13 Sep 2018 10:01 AM (IST)
छात्रवृत्ति घोटाले के 109 मामलों में एफआइआर की मंजूरी
छात्रवृत्ति घोटाले के 109 मामलों में एफआइआर की मंजूरी

लखनऊ (जेएनएन)। भ्रष्टाचार के मामलों में तेजी से कार्रवाई कर रही योगी सरकार ने छात्रवृत्ति घोटाले के 109 मामलों में एफआइआर की मंजूरी दे दी है। साथ ही आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) को बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। शासन ने ईओडब्ल्यू के चार थाने अधिसूचित कर दिये हैं। लखनऊ स्थित मुख्यालय समेत कानपुर, वाराणसी व मेरठ सेक्टर में ईओडब्ल्यू के चार थाने होंगे। ईओडब्ल्यू अब पहली बार अपने थानों में छात्रवृत्ति घोटाले के 109 मुकदमे दर्ज करेगा। विजिलेंस के थानों की अधिसूचना भी जल्द जारी होने की उम्मीद बढ़ गई है।

विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) की तर्ज पर ही ईओडब्ल्यू के थाने भी अपना काम करेंगे। अगली कड़ी में एसआइटी की तर्ज पर ही ईओडब्ल्यू के लिए भी विशेष न्यायालय अधिसूचित कराये जाने की तैयारी है। वर्तमान में ईओडब्ल्यू को किसी भी मामले में शासन से अनुमति मिलने पर संबंधित जिले के थाने में एफआइआर दर्ज करानी पड़ती थी, जिसके चलते उसके विवेचकों को काफी भागदौड़ करनी पड़ती थी। हालांकि ईओडब्ल्यू को अभी किसी मामले में आरोपपत्र संबंधित जिले की कोर्ट में ही दाखिल करना होगा। ईओडब्ल्यू के लिये विशेष न्यायालय अधिसूचित किये जाने की सिफारिश भी जल्द शासन को भेजी जायेगी। लखनऊ मुख्यालय स्थित थाने में लखनऊ सेक्टर के अलावा मुख्यालय व विशेष प्रकोष्ठ भी शामिल होगा। प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि ईओडब्ल्यू के चार थानों की अधिसूचना जारी कर दी गई है। शासन ने छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में ईओडब्ल्यू को मेरठ के 29 व इटावा के 86 मामलों में सहायता प्राप्त विद्यालयों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने की अनुमति दी है। इनकी संख्या अभी और बढ़ सकती है। डीजी ईओडब्ल्यू आरपी सिंह ने बताया कि हर थाने में एक प्रभारी निरीक्षक बनाया जायेगा, जबकि शाखा के सभी निरीक्षकों को एफआइआर दर्ज करने की सुविधा होगी। 

यह है छात्रवृत्ति घोटाला

पूर्ववर्ती सरकारों में इटावा व मेरठ के स्कूलों में कागजी खानापूर्ति कर अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति की 15 करोड़ से अधिक रकम हड़पी गई थी। जांच में तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, बीएसए, समाज कल्याण विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के अलावा स्कूल संचालकों व प्रधानाचार्यों की भूमिका दागी पाई गई है। ऐसे ही अन्य जिलों में भी छात्रवृत्ति में घपला हुआ है। इटावा के 116 तथा मेरठ में 150 से अधिक सहायता प्राप्त स्कूलों के खिलाफ जांच का आदेश दिया गया था।

बजट घटाने से हुई राह आसान 

ईओडब्ल्यू के थाने के लिये करीब ढाई वर्ष पहले भेजे गए प्रस्ताव में 12 करोड़ से अधिक का बजट शामिल था। बाद में डीजी आरपी सिंह ने बजट को शून्य करते हुए केवल थाने का दर्ज दिये जाने का प्रस्ताव भेजा था। 

जल्द और मामलों में मिलेगी मंजूरी

भ्रष्टाचार के मामलों व अभियोजन स्वीकृति के लंबित मामलों के निस्तारण के लिए गठित स्पेशल टास्क फोर्स की बैठक 14 सितंबर को प्रस्तावित है। बैठक में कई महत्वपूर्ण मामलों में अभियोजन व एफआइआर की स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। 

अधिकारियों-कर्मचारियों पर कसेगा शिकंजा

ईओडब्ल्यू के 49 मामलों में अभियोजन स्वीकृति शासन में लंबित है। इनमें करीब 334 अधिकारी-कर्मचारी आरोपित हैं। ईओडब्ल्यू में 206 जांचें व 295 विवेचनाएं भी लंबित हैं।

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