लखनऊ व‍िकास प्राध‍िकरण की ट्रांसपोर्टनगर योजना में भूखंड घोटाला, छह पर एफआइआर दर्ज

डीएम व लविप्रा उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने मामले की निष्पक्ष जांच के आदेश दिए थे और सचिव पवन कुमार गंगवार को पूरे मामले की जांच सौंपी थी। नजूल अधिकारी आनंद कुमार सिंह से जांच कराई जा रही थी आंनद ने दो मार्च को ही रिपोर्ट तैयार कर ली थी।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 05:48 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 05:48 PM (IST)
लखनऊ व‍िकास प्राध‍िकरण की ट्रांसपोर्टनगर योजना में भूखंड घोटाला, छह पर एफआइआर दर्ज
भूखंड संख्या एफ 92, 250 व 340 फर्जी रजिस्ट्री करके बेचे गए।

लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) के सचिव ने ट्रांसपोर्ट नगर के 79 भूखंड की फाइलों को पता लगाते हुए तीन भूखंड का घोटाला पाया है। तीनों भूखंड सेक्टर एफ के हैं, इनमें भूखंड संख्या एफ 92, 250 व 340 की फर्जी रजिस्ट्री करके बेचे गए। इन तीनों की बाजार में कीमत तीन करोड़ के आसपास है। तहसीलदार राजेश शुक्ला ने फर्जी तरीके से भूखंडों का बैनामा कराने वाले ललित कुमार सोंधी, संजय कुमार सिंह, गौतम मधमान, देवेंद्र, सतवीर सिंह और दीपक शुक्ला के खिलाफ नामजद एफआइआर गोमती नगर थाने में दर्ज कराई है। डीएम व लविप्रा उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने मामले की निष्पक्ष जांच के आदेश दिए थे और सचिव पवन कुमार गंगवार को पूरे मामले की जांच सौंपी थी। नजूल अधिकारी आनंद कुमार सिंह से जांच कराई जा रही थी, आंनद ने दो मार्च को ही रिपोर्ट तैयार कर ली थी।

लविप्रा की ट्रांसपोर्ट नगर में कामर्शियल भूखंड हैं। ट्रांसपोर्ट नगर के सभी 79 भूखंडों को लेकर लविप्रा ने नोटिस निकाली और पंद्रह दिन के भीतर मूल दस्तावेज लेकर प्राधिकरण आने को कहा, इस दौरान लविप्रा ने अधिकांश फाइलें खोज ली लेकिन प्राधिकरण सिर्फ चार लोग आए इनमें तीन आवंटी फर्जी वाले थे, जिन्होंने कूटरचित तरीके से बाहर ही बैनामा करा लिया। सचिव पवन कुमार गंगवार ने सभी भूखंडों पर कब्जा वापस लेने के निर्देश दिए हैं।

कब कब हुआ रजिस्ट्री का खेल : कानपुर रोड की ट्रांसपोर्ट नगर योजना के भूखंड संख्या एफ 250 के विक्रय विलेख 23 सितंबर 2020 के पृष्ठ पर उप निबंधक व रजिस्ट्री कार्यालय से 2 सितंबर 1999 को निष्पादित दर्शाया गया। यह भूखंड ललित कुमार सोंधी एवं संजय कुमार सिंह ने खरीदा। इसी तरह भूखंड संख्या एफ 340 के विक्रय विलेख 29 जुलाई 2020 को उप निबंधक व रजिस्ट्री कार्यालय से जारी हुआ। यह भूखंड गौतम माधमान एवं देवेंद्र  नाम दर्ज मिला। इसी तरह तीसरा भूखंड एफ 92 के विक्रय विलेख 18 मई 2020 को रजिस्ट्री कराई गई, इससे पहले पांच मई 2020 को लविप्रा द्वारा रजिस्ट्री दिखाई गई। इसे सतबीर सिंह व दीपक शुक्ला ने खरीदा। इसका खुलासा उस वक्त हुआ जब लविप्रा के अधिवक्ता विजय प्रताप सिंह चौहान ने रजिस्ट्री आफिस कार्यालय में मुआयना किया और तीनों रजिस्ट्री में अंकित विवरण लविप्रा द्वारा कोई भी नहीं पायी गई।  

chat bot
आपका साथी