Fraud: बांदा में खनन का ठेका दिलाने के नाम पर मुबई के बिल्‍डर से धोखाधड़ी, लखनऊ में एफआइआर दर्ज

लखनऊ के विभूतिखंड थाने में मुंबई के बिल्डर दीपक शर्मा ने चार लोगों के खिलाफ नौ करोड़ 39 लाख रुपये हड़पने की एफआइआर दर्ज कराई है। पीडि़त मेसर्स नेचुरल बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का निदेशक है। बांदा में खनन का ठेका दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी हुई।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 08:22 AM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 08:22 AM (IST)
Fraud: बांदा में खनन का ठेका दिलाने के नाम पर मुबई के बिल्‍डर से धोखाधड़ी, लखनऊ में एफआइआर दर्ज
मुंबई के बिल्‍डर ने विभूतिखंड थाने में पीडि़त ने चार लोगों के खिलाफ दर्ज कराई एफआइआर।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। विभूतिखंड थाने में मुंबई के बिल्डर दीपक शर्मा ने चार लोगों के खिलाफ नौ करोड़ 39 लाख रुपये हड़पने की एफआइआर दर्ज कराई है। पीडि़त मेसर्स नेचुरल बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का निदेशक है। आरोप है कि वृंदावन योजना रायबरेली रोड निवासी आनंद कुमार सिंह उर्फ बाबा त्रिकालदर्शी, विराम खंड निवासी राजीव लोचन पालीवाल, विजयंत खंड निवासी नवनीत सिंह भदौरिया और रायबरेली रोड निवासी विजय पाल प्रजापति ने बांदा में खनन का ठेका दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी की है।

पीडि़त ने पुलिस आयुक्त से संपर्क कर मामले की शिकायत की थी, जिसके बाद चारों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई। आरोप है कि वर्ष 2018 में आनंद कुमार सिंह ने दीपक शर्मा से मुंबई में एक पार्टी के दौरान संपर्क किया था। इस दौरान आरोपित ने लखनऊ में ऊंची पहुंच होने का झांसा दिया था और रेत का खनन दिलाने की बात कही थी। इसके बाद आनंद के बुलाने पर दीपक लखनऊ आए थे, जहां उन्हें मीटिंग के लिए राजीव पालीवाल के घर और अलग-अलग होटलों में ले जाया गया था। आनंद ने दीपक शर्मा की मुलाकात राजीव के अलावा नवनीत और विजय पाल से कराई थी। आरोपितों ने दीपक की कंपनी के नाम टेंडर दिलाने की बात कही थी और कुछ जाली कागजों पर उनके हस्ताक्षर लिए थे। बाद में आनंद ने विजय पाल को फर्म के मालिक के रूप में पेश किया। हालांकि दीपक को झांसा दिया कि उनकी कंपनी टेंडर के लिए पंजीकृत होगी, लेकिन ठेका वीपी कंस्ट्रक्शन को दिया गया। दीपक ने आरोपितों के कहने पर एक करोड़ 60 लाख रुपये एडवांस के तौर पर दिए थे। टेंडर दीपक की कंपनी को नहीं मिला तो उन्होंने आपत्ति जताई। इस पर आरोपित उन्हें गुमराह करते रहे और लाभ में हिस्सा देने की बात कही। आरोपितों के कहने पर दीपक ने उन्हें और धनराशि ट्रांसफर कर दी। आरोप है कि चारों ने साजिश के तहत टेंडर मिलने के बाद खनन की रेत वीपी कंस्ट्रक्शन के तहत बेचने लगे। यही नहीं आरोपितों ने चालान में भी हेरफेर किया और अवैध रूप से रेत की बिक्री की। फर्जीवाड़े की जानकारी होने पर पीडि़त ने पुलिस आयुक्त से शिकायत की, जिसके बाद उनकी रिपोर्ट दर्ज की गई। पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है।

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