लखनऊ की फर्म के भुगतान के लिए रिश्वत मांग रहा था मेरठ का ऑडिटर, CBI में मुकदमा दर्ज

लखनऊ पोर्टल से मिला कंप्यूटर सप्लाई का ऑर्डर भुगतान के लिए मांगा कमीशन। सीडीए में तैनात आरोपित आशुतोष यादव के ख‍िलाफ लखनऊ स्थित सेंचुरी कंप्यूटर्स के प्रोपराइटर अब्दुल हलीम ने की थी शिकायत। सीबीआइ ने ऑडिटर के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 12:10 AM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 07:11 AM (IST)
लखनऊ की फर्म के भुगतान के लिए रिश्वत मांग रहा था मेरठ का ऑडिटर, CBI में मुकदमा दर्ज
लखनऊ : पोर्टल से मिला कंप्यूटर सप्लाई का ऑर्डर, भुगतान के लिए मांगा कमीशन।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। कंप्यूटर सप्लाई करने वाली लखनऊ की फर्म के भुगतान के लिए रिश्वत मांगने के आरोप में मेरठ में तैनात कंट्रोलर ऑफ डिफेंस अकाउंट्स (सीडीए) के ऑडिटर आशुतोष यादव की गर्दन फंस गई है। प्रारंभिक जांच में शिकायत सही पाए जाने पर सीबीआइ ने ऑडिटर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

सीबीआइ के मुताबिक, लखनऊ स्थित सेंचुरी कंप्यूटर्स के प्रोपराइटर अब्दुल हलीम ने शिकायत की थी कि उन्होंने जेम पोर्टल के माध्यम से दो दिसंबर, 2020 को मेरठ स्थित डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स से सात कंप्यूटरों की आपूर्ति का ऑर्डर 2.06 लाख रुपये पर लिया था। कंप्यूटरों की आपूर्ति करने के बाद भुगतान के लिए बिल सीडीए भेज दिया था। शिकायतकर्ता के अनुसार, उनके बिल सीडीए का ऑडिटर आशुतोष यादव लंबित रखे हुए था। 

ऑडिटर से संपर्क करने पर उसने भुगतान के लिए दो फीसद रिश्वत की मांग की। इसके अलावा आशुतोष का कहना था कि पहले जो आगरा स्थित आर्मी बेस वर्कशॉप को डिलीवरी की गई, उसका पांच लाख रुपये के बिल का भुगतान भी उसने ही किया था, इसलिए उसका भी दो फीसद कमीशन देना होगा। रिश्वत की रकम मंगाने के लिए ऑडिटर ने कमल भट्ट नामक व्यक्ति का स्टेट बैक ऑफ इंडिया का अकाउंट नंबर उनके वाट्सएप पर भेजा और कॉल करके कहा कि अगर 23 फरवरी तक रिश्वत के दस हजार रुपये देने पर भुगतान होगा। हालांकि, बाद में सौदा सात हजार रुपये में पटा। साक्ष्य जुटाकर हलीम ने सीबीआइ में शिकायत दर्ज करा दी। सीबीआइ अधिकारियों का कहना है प्रारंभिक जांच में शिकायत सही पाई गई है। मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। 

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