दवा को नारकोटिक्स पदार्थ बता दर्ज कर दी एफआइआर, लखनऊ हाई कोर्ट ने आरोपित को दी जमानत

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कथित दवा को नारकोटिक्स पदार्थ बता एनडीपीएस एक्ट में कार्रवाई करते हुए आरोपित बनाने व जेल भेजने के एक मामले में संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैैं। साथ ही कोर्ट ने अभियुक्त को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैैं।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 08:18 AM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 03:39 PM (IST)
दवा को नारकोटिक्स पदार्थ बता दर्ज कर दी एफआइआर, लखनऊ हाई कोर्ट ने आरोपित को दी जमानत
कोर्ट ने अभियुक्त को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैैं।

लखनऊ, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कथित दवा को नारकोटिक्स पदार्थ बता एनडीपीएस एक्ट में कार्रवाई करते हुए आरोपित बनाने व जेल भेजने के एक मामले में संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैैं। साथ ही कोर्ट ने अभियुक्त को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैैं।

यह आदेश जस्टिस पंकज भाटिया की एकल पीठ ने अजय बाजपेई की जमानत याचिका पर पारित किया। सुनवाई के दौरान कोर्ट के समक्ष ये तथ्य आया कि अभियुक्त के पास सैकड़ों बोतल कथित दवायें बरामद हुई थीं। जिस पर पुलिस अधिकारियों ने सीजर मेमो पर लिखा कि बरामद दवायें नकली हैैं, व इनमें कोडीन मिली हुई है। वहीं, दर्ज एफआइआर में आशंका जाहिर की गई कि कोडीन का अधिक मात्रा में उपयोग जानलेवा हो सकता है। वहीं, न्यायालय के सामने ये तथ्य आया कि टेस्ट रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि बरामद कथित दवाएं स्टैैंडर्ड क्वालिटी की हैैं।

जिसके बाद अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त के पास से बरामद पदार्थ एनडीपीएस एक्ट की धारा दो की उप धाराओं के तहत नारकोटिक्स पदार्थ नहीं हैैं। इसी आधार पर अभियुक्त की जमानत याचिका को मंजूर करते हुए कोर्ट ने कहा कि दवाएं बरामद करने वाले अधिकारियों पर एनडीपीएस एक्ट की धारा 58(1) (बी) व (सी) के तहत कार्यवाही की जानी चाहिए।

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