प्रश्न पहर : राइट प्लेस टू ईट से खोजें शहर में शुद्ध खाने-पीने के ठिकाने

दैनिक जागरण का कार्यक्रम प्रश्न पहर में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ. एसपी सिंह ने दिए पाठकों के सवालों के जवाब। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने शहर में दीपावली को देखते हुए खाद्य सामग्री में मिलावट पर छह टीम बनाकर छापेमारी शुरू कर दी है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 06:17 AM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 06:17 AM (IST)
प्रश्न पहर : राइट प्लेस टू ईट से खोजें शहर में शुद्ध खाने-पीने के ठिकाने
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने छापेमारी शुरू कर दी है।

लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ में खाने-पीने की कहां शुद्ध और अच्छा खाने-पीने का सामान मिलता है, इसके लिए भटकने की जरूरत नहीं। गूगल पर राइट प्लेस टू ईट लखनऊ डालते ही आपको ऐसे होटल, रेस्टोरेंट और भोजनालय का पता चल जाएगा। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने इसके साथ ही शहर में दीपावली को देखते हुए मिठाई व खाद्य सामग्री में मिलावट पर नकेल कसने के लिए छह टीम बनाकर छापेमारी शुरू कर दी है। क्योंकि त्यौहार आते ही दूध से बनी सामग्री में सबसे ज्यादा मिलावट पाई जा रही है। किसी में फैट कम है तो किसी में अन्य कमियां हैं। यही नहीं, सब्जी, फल को रंगने व खाद्य तेल में भी मिलावट के मामले सामने आए हैं। मिलावटी सामान खरीदने व प्रयोग से बचने के लिए थोड़ी जागरूकता की जरूरत है। कोई आशंका होने पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के टोल फ्री या स्थानीय नंबर पर शिकायत करें। यह बात अभिहीत अधिकारी, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ. एसपी सिंह ने दैनिक जागरण के प्रश्न पहर कार्यक्रम में कही।

सवाल : दूसरे जनपद से आने वाले शहर के शुद्ध व अच्छे भोजनालय का कैसे पता करें। आजकल बाहर खाना बीमारी को दावत देने के बराबर है। दीपक कुमार, राजाजीपुरम
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने ई-राइट के तहत राइट प्लेस टू ईट लखनऊ ऑन लाइन व्यवस्था शुरू की है। इससे शहर व बाहर से आने वाले लोग लखनऊ में अच्छे व शुद्ध भोजन देने वाले भोजनालय व स्ट्रीट फूड के विषय में जानकारी ले सकते है।
 
सवाल : अवैध रूप से इलाके में मटन की दुकान खुली है। कैसे शिकायत करें। आरके सोनकर व जमाल, आलमबाग
इसके लिए आपको डीएम कार्यालय स्थित विभाग के कार्यालय में आकर लिखित शिकायत करनी होगी। मटन की दुकान बिना लाइसेंस के चल रही है तो उसके संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई होगी। यदि उसके बाद भी दुकान खुलती है तो दुकान हटवाई जाएगी।
 
सवाल : खुले में मिठाई बिकती है। मिठाई की मिलावट व शुद्ध होने की पहचान कैसे करेंगे। वरुण अग्रवाल, चिनहट
रंग वाली मिठाई खरीदने से बचें। वर्क लगी वाली मिठाई लेने से पहले वर्क को चेक करने के लिए मसल कर देंगे। यदि वर्क की गोली बनती है तो वह नकली है। मिठाई की गुणवत्ता में संदेह होने पर शिकायत करें।
सवाल : घर-घर दूध देने वालों की जांच कैसे होगी। कीर्ति पांडेय,  इंदिरानगर
दूध देने वालों की नियमित जांच होती है। विभाग के टोल-फ्री नंबर पर शिकायत कर सकते हैं।
सवाल : पैकेट वाला दूध सही है कि नहीं इसका कैसे पता चलेगा। दिलीप सिंह, अलीगंज
पैकेट वाले दूध में मिलावट की शिकायत कभी-कभी आती है। उसको लेते वक्त कोल्ड चेन और उसकी उपयोग की तिथि का ध्यान रखना चाहिए।
सवाल : दूध की जांच कैसे कराई जा सकती है। आनंद तिवारी, मड़ियांव
राजकीय प्रयोग शाला नेहरू बाल वाटिका अलीगंज में दूध के साथ ही किसी भी खाद्य सामग्री की एक हजार रुपये शुल्क जमा कर जांच कराई जा सकती है।

खुली मिठाई में दुकानदार को लिखनी होगी बेस्ट बिफोर की डेट
अभी तक पैक मिठाई या खाद्य सामग्री पर बेस्ट बिफोर डेट अंकित रहती थी। अब खुली मिठाई व खाद्य सामग्री पर भी मिठाई दुकानदार व रेस्टोरेंट संचालक को बेस्ट बिफोर की तारीख अंकित करनी होगी। जिससे लोगों को मिठाई व खाद्य सामग्री के सही रहने का पता लग सके और कितना पुराना समान है।     मिलावट होने पर यहां करें शिकायत टोल फ्री नंबर : 1800112100 लखनऊ के लिए : 9454257931
 
इनका रखें ख्याल
रजिस्टर्ड दुकानों से ही खाद्य सामग्री खरीदें। पैक्ड खाद्य सामग्री खरीदते समय निर्माता का नाम, निर्माण तिथि, बेस्ट बिफोर तिथि, ग्रीन व रेड -ब्राउन सिंबल, बैच नंबर अवश्य देखें। खाद्य सामग्री खरीदते समय दुकानदार से बिल जरूर लें। जिससे बाद को क्लेम कर सकें। वर्क लगी मिठाइयों व रंगीन मिठाइयों को खरीदते समय सावधानी बरतें। मिलावट मिलने पर होगा एक से दस लाख तक का जुर्माना खाद्य पदार्थों में मिलावट पाए जाने पर खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम में एक लाख से दस लाख रुपये तक के जुर्माना लग सकता है। वहीं मिलावट के हानिकारक पदार्थ से उपभोक्ता की मौत होने पर कम से कम सात साल और अधिकतम उम्रकैद की सजा व दस लाख तक का जुर्माना भी हो सकता है।
 
 
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