Fight Against COVID-19: CM योगी आदित्यनाथ बेहद सख्त, अस्पतालों को रोज देनी होगी खाली बेड की जानकारी

Fight Against COVID-19 समीक्षा बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ के तेवर बेहद सख्त थे। प्रदेश के हर अस्पताल को अब प्रतिदिन अपने खाली बेड की जानकारी जिला प्रशासन के माध्यम से शासन को देनी होगी। सभी अस्पताल रोज बताएंगे कि उनके पास कितने खाली बेड हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 10:07 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 09:04 AM (IST)
Fight Against COVID-19: CM योगी आदित्यनाथ बेहद सख्त, अस्पतालों को रोज देनी होगी खाली बेड की जानकारी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बेहद सख्त लहजे में सभी को निर्देश दिया

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के बेहद घातक होने के बीच में सीएम योगी आदित्यनाथ को अब जरा सी भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं है। टीम-11 के साथ उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की स्थिति की समीक्षा बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ के तेवर बेहद सख्त थे।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने बेहद सख्त लहजे में सभी को निर्देश दिया कि इंजेक्शन रेमडेसिविर या फिर अन्य किसी भी दवा की कालाबाजारी बर्दाश्त नहीं है। इसमें लिप्त लोगों के खिलाफ एनएसए के साथ गैंगस्टर एक्ट जैसी कार्रवाई करें। इसके साथ ही प्रदेश के हर अस्पताल को अब प्रतिदिन अपने खाली बेड की जानकारी जिला प्रशासन के माध्यम से शासन को देनी होगी। सभी अस्पताल रोज बताएंगे कि उनके पास कितने खाली बेड हैं।

खाली बेड्स के बारे में हर दिन जानकारी सार्वजनिक की जाए: सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अस्पतालों में खाली बेड्स के बारे में हर दिन जानकारी सार्वजनिक की जाए। इससे मरीजों के परिजनों को काफी सहूलियत होगी। इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की भूमिका इस कार्य मे अत्यंत उपयोगी है। इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि यह सुखद है कि बीते 24 घंटे में प्रदेश में 14 हजार से भी अधिक मरीज कोविड संक्रमण से ठीक होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज हुए हैं। अत: सभी प्रदेशवासी धैर्य और संयम बनाये रखें। प्रदेश में उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं हों अथवा जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता, किसी भी चीज का अभाव नहीं है। कोविड के लक्षण दिखें तो टेस्ट कराएं, चिकित्सकों के निर्देशों का पालन करें। परिस्थितियों का आंकलन करते हुए सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है। कोरोना कफ्र्यू और साप्ताहिक बंदी जैसे प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जा रहा है। अब तो मास्क, सैनिटाइजर और दो गज दूरी जैसे कोविड प्रोटोकॉल को पूरी ईमानदारी के साथ अमल में लाया जाए। लापरवाह लोगों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए।

योगी आदित्यनाथ ने बेहद सख्त रुख अपना लिया: प्रदेश में कोरोना संक्रमण के लगातार के बढ़ते मामलों और प्रदेश सरकार बदइंतजामी के आरोपों के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने बेहद सख्त रुख अपना लिया है। कोरोना वायरस के संक्रमित होने के बाद भी नौ दिन का व्रत रखने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रेमडेसिविर या फिर अन्य जीवनरक्षक दवाओं की प्रदेश में कहीं पर भी कालाबाजारी मिलने पर आरोपित के खिलाफ तत्काल ही एनएसए और गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन और फैबीफ्लू जैसी जीवनरक्षक मानी जा रही दवाओं की निर्बाध आपूर्ति के लिए आवश्यक है कि इसकी लगातार निगरानी की जाए। ऐसी दवाओं और इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ जिला प्रशासन एनएसए के तहत कार्रवाई करे। इसके साथ ही शासन के अफसर देश में हर जगह पर रेमडेसिविर उत्पादनकर्ता कंपनियों से लगातार संपर्क में रहें। उन्होंने कहा कि गुरुवार तक प्रदेश को 10,000 वॉयल और रेमडेसिविर प्राप्त हो जाएंगी। अब उन्होंने ने प्रतिदिन 50,000 वॉयल रेमडेसिविर की आपूर्ति के हिसाब से डिमांड भेजने का निर्देश दिया।

अभी व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए ऑक्सीजन नहीं: मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। हर जगह मांग के अनुरूप ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जा रहा है। भारत सरकार से आवंटित ऑक्सीजन को यथाशीघ्र प्रदेश में उपलब्ध कराया जाए। ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति में संतुलन बना रहे इसके लिए अब सभी अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन का ऑडिट कराया जाना चाहिए। इसके साथ ही ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ त्वरित और कठोरतम कार्रवाई की जाए। अति गंभीर परिस्थिति को छोड़कर किसी भी इंडिविजुअल व्यक्ति को ऑक्सीजन की आपूॢत न की जाए। केवल संस्थागत आपूर्ति ही होगी। सभी ऑक्सीजन रीफिल केंद्रों पर जिम्मेदार अधिकारियों की तैनाती की जाए। यह सुनिश्चित करें कि ऑक्सीजन का वितरण पारदर्शी ढंग से हो। ऑक्सीजन टैंकर को जीपीएस से जोड़ा जाए तथा प्लांट्स पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए। इसके लिए स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, औद्योगिक विकास, एमएसएमई तथा गृह विभाग आपसी समन्वय से इस कार्य को करें। टैंकर/सिलिंडर का कोई अभाव नहीं है। प्रत्येक अस्पताल में न्यूनतम 36 घंटे का ऑक्सीजन बैकअप होना चाहिए।

ऑक्सीजन उत्पादन और रीफिलिंग इकाइयों को मिले निर्बाध बिजली: सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी अस्पतालों, ऑक्सीजन उत्पादन और रीफिलिंग से जुड़ी इकाइयों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा औद्योगिक इकाइयों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराते हुए गतिविधियां संचालित की जाएं। बेहतर कोविड प्रबंधन में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की महत्वपूर्ण भूमिका है। लखनऊ सहित सभी जनपदों में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का प्रभावी संचालन सुनिश्चित हो। आईसीसीसी के माध्यम से बेड आवंटन की जानकारी, समय पर एम्बुलेंस की उपलब्धता आदि व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराई जाएं।

साप्ताहिक बंदी को सफल बनाएं: सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार रात आठ बजे से सोमवार सुबह सात बजे तक की प्रदेशव्यापी साप्ताहिक बंदी को प्रभावी ढंग से लागू करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही हर दिन रात आठ बजे से सुबह सात बजे तक नाइट कफ्र्यू को सफल बनाने पर भी जोर दिया है।

कोविड संक्रमितों के 50 फीसदी एंबुलेंस: मुख्यमंत्री ने डॉयल-108 एम्बुलेंस सेवा का 50 प्रतिशत उपयोग कोविड संक्रमितों के लिए करने का निर्देश दिया। उन्होंने इस दौरान एम्बुलेंस के रिस्पांस टाइम को कम करने की जरूरत बताई।

टीकाकरण अभियान की करें तैयारी: मुख्यमंत्री ने ने कहा राज्य मंत्रिपरिषद ने 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के नि:शुल्क कोविड टीकाकरण कराए जाने का निर्णय लिया है। कोविड से लड़ाई में यह सबसे अहम प्रयास होगा। स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में आवश्यक तैयारी प्रारंभ कर दे। स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फॉगिंग का कार्य युद्ध स्तर पर किया जाए। इसके लिए फायर विभाग के वाहनों का उपयोग किया जाए। वर्तमान में प्रदेश में 77 हजार से अधिक कंटेनमेंट जोन बनाये गए हैं। कंटेनमेंट जोन के प्राविधानों को सख्ती से लागू किया जाए। मास्क के अनिवार्य उपयोग के संबंध में प्रवर्तन की प्रभावी कार्यवाही की जाए। निगरानी समितियों से संवाद बनाकर उनसे फीडबैक लगातार प्राप्त किया जाए।

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