यूपी का यह गांव बिना संसाधन कर रहा COVID-19 से दो-दो हाथ, आज तक नहीं मिला एक भी संक्रमित

Fight Against Coronavirus यूपी में मथुरा के नगला तेजा गांव की आबादी करीब 915 है। करीब एक सौ लोग दूसरे जिलों और राज्यों में रहकर नौकरी करते हैं। ग्रामीणों ने उनसे कह दिया है कि जब तक कोरोना संक्रमण नहीं थमता तब तक गांव न आएं।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 02:31 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 05:25 PM (IST)
यूपी का यह गांव बिना संसाधन कर रहा COVID-19 से दो-दो हाथ, आज तक नहीं मिला एक भी संक्रमित
मथुरा के नगला तेजा के ग्रामीणों की सजगता ही है कि अब तक कोरोना वायरस एंट्री नहीं कर पाया है।

मथुरा [बांकेलाल सारस्वत]। जिस कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है, उससे उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के नगला तेजा के ग्रामीण बिना संसाधन दो-दो हाथ कर रहे हैं। ये ग्रामीणों की सजगता ही है कि गांव में अब तक कोरोना वायरस एंट्री नहीं कर पाया है। ग्रामीणों ने रहन-सहन का तरीका बदल दिया और बाहरी लोगों की एंट्री एकदम बंद कर दी। बाहर रहने वाले स्वजन और रिश्तेदारों से कह दिया है कि गांव न आना, नहीं तो कोरोना आ जाएगा।

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के ग्राम पंचायत सिहोरा के मजरा नगला तेजा की आबादी करीब 915 है। करीब एक सौ लोग दूसरे जिलों और राज्यों में रहकर नौकरी करते हैं। ग्रामीणों ने फोन पर उनसे कह दिया है कि जब तक कोरोना का संक्रमण नहीं थमता, तब तक गांव न आएं। ग्रामीणों ने रिश्तेदारों से भी फोन पर यही अपील की है। मजबूरन कोई गांव आया भी तो उसे जांच के बाद रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही प्रवेश दिया गया। गांव के लोग अनिवार्य रूप से मास्क लगाए रहते हैं। बच्चों और बुजुर्गों को घर से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है। कई-कई बार ग्रामीणों की कोविड-19 की जांच हो चुकी है।

सफाई का भी विशेष ध्यान : नगला तेजा में सफाई का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। नालियों में दवा का छिड़काव किया जा रहा है तो गलियों में सैनिटाइजेशन किया जा रहा है।

गांव के बाहर प्रवेश वर्जित का बोर्ड : गांव के बाहर ही ग्रामीणों ने प्रवेश वर्जित का बोर्ड टांग दिया है। गांव के पूर्व प्रधान प्रतिनिधि देवेंद्र पहलवान ने बताया कि ग्रामीणों से अपील की गई है कि उन्हें बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें, मास्क लगाकर जाएं और हाथ सैनिटाइज करें, ग्रामीण इसका पालन भी कर रहे हैं।

काढ़ा और गर्म पानी से लड़ रहीं लड़ाई : गांव की ही ममता सारस्वत बताती हैं कि अब हर घर में रोज काढ़ा बन रहा है और गर्म पानी का सेवन कर रहे हैं। वह कहती हैं कि काली मिर्च, सोंठ, पीपल, बड़ी इलाइची, लौंग, दालचीनी, हल्दी, नीम गिलोय का मिश्रण कर काढ़ा तैयार कर रहे हैं। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ रही है।

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