इंस्‍पेक्‍टर की वर्दी पहन थाने पहुंची रौब गांठने, खुली पोल तो पुलिस ने साथियों समेत दबोचा

मारपीट के विवाद में पुलिस पर दबाव बनाने के लिए इंस्‍पेक्‍टर की वर्दी में आई थी दसवीं फेल महिला। शक होने पर पुलिस ने वालों ने गाड़ी के ड्राइवर और एक अन्य साथी के साथ महिला को किया गिरफ़तार।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 25 Sep 2018 06:53 PM (IST) Updated:Tue, 25 Sep 2018 06:53 PM (IST)
इंस्‍पेक्‍टर की वर्दी पहन थाने पहुंची रौब गांठने, खुली पोल तो पुलिस ने साथियों समेत दबोचा
इंस्‍पेक्‍टर की वर्दी पहन थाने पहुंची रौब गांठने, खुली पोल तो पुलिस ने साथियों समेत दबोचा

लखनऊ, जागरण टीम। मोहनलालगंज कोतवाली में खुद को इंस्पेक्टर बताकर दबाव बना रही फर्जी महिला इंस्पेक्टर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मारपीट के एक मामले में पुलिस पर दबाव बनाने के लिए महिला कोतवाली पहुंची थी। बेतरतीब ढंग से पहनी गई वर्दी और जूते को देखकर पुलिसकर्मियों को संदेह हुआ, जिसके बाद उन्होंने पूछताछ की और महिला को उसके दो साथियों समेत दबोच लिया। आरोपित महिला ने बताया कि उसे पुलिस की वर्दी पहने एक युवक ने नौकरी का झांसा देकर 12 हजार रुपये लिए थे और वर्दी सिलवाकर दी थी।

मोहनलालगंज क्षेत्र के फुलवरिया में सोमवार को दो पक्षों में मारपीट हुई थी। इसमें पुलिस ने राकेश व अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी।

सोमवार देर रात में स्कार्पियो से दो लोगों को साथ लेकर एक महिला कोतवाली में पहुंची। खाकी वर्दी में तीन स्टार लगाए महिला ने कोतवाली में मौजूद पुलिसकर्मियों को रौब में लिया और खुद को अमेठी में तैनात होने की बात कही। इंस्पेक्टर मोहनलालगंज के मुताबिक महिला अपने एक साथी को ड्राइवर और दूसरे को हमराही बता रही थी। वर्दी में पुलिस का मोनोग्राम बाएं के बजाय दाएं हाथ पर लगा था। यही नहीं महिला ने काले जूते पहने थे और बेल्ट भी उल्टा बांध रखा था।

बैच के बारे में नहीं बता पाई

संदेह होने पर पुलिसकर्मियों ने जब महिला से उसका परिचय पत्र मांगा तो वह खामोश हो गई। आरोपित ने शाहीन बानो नाम का नेम प्लेट लगा रखा था, जिसपर नौ डिजिट का पीएनओ नंबर लिखा था। पूछताछ में जब महिला से उसके बैच के बारे में पूछा गया तो वह कोई जवाब नहीं दे पाई। इसके बाद पुलिस ने अमेठी पुलिस से संपर्क किया और जानकारी ली तो पता चला कि वह फर्जी महिला इंस्पेक्टर है।

रायबरेली के हैं सभी आरोपित

पुलिस ने रायबरेली के महाराजगंज थाने से भी जानकारी ली, लेकिन वहां शहीना नाम की कोई महिला इंस्पेक्टर  पोस्टिंग होने की बात सामने नहीं आई। कड़ाई से पूछताछ करने पर महिला ने अपना नाम शाहीन बानो निवासी इंदौरा, थाना महाराजगंज रायबरेली बताया। इसके बाद पुलिस ने महिला के दोनों साथी गजियापुर शखेपुर समाधा निवासी रामकिशोर तथा हरचंदपुर रायबरेली निवासी जितेंद्र को दबोच लिया।

ठगी का शिकार हुई थी महिला

आरोपित महिला ने बताया कि उसका 2015 में डलमऊ से विवाह हुआ लेकिन पति पहले से शादीशुदा था। रायबरेली फैमिली कोर्ट में उसका मुकदमा चल रहा। महिला का कहना था कि वहां उसे सुनील अग्रवाल नाम का व्यक्ति मिला जो पुलिस की वर्दी में था, जिसने उससे पुलिस की नौकरी लगवाने के नाम पर दस हजार रुपये लिए साथ ही दो हजार रुपये वर्दी के लिए थे। उसने बताया था कि इसी हफ्ते उसे अमेठी थाने में पुलिस की नौकरी मिल जाएगी। वहीं जितेंद्र का कहना था कि कुछ दिन पूर्व उनकी शाहीन से कोर्ट में ही मुलाकात हुई जहां उसने खुद इंस्पेक्टर बताया था। आरोपित महिला ने बताया कि  वह दसवीं फेल है जबकि पिता डीसीएम चालक थे। पांच साल पहले एक्सिडेंट के बाद से वह काम नहीं करते हैं।

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