फर्जी शिक्षक नियुक्ति कराने वाले गिरोह के सरगना ने स्वीकारी भर्ती कराने की बात, UP STF ने शुरू का छानबीन

स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को गिरोह के सरगना राम निवास के पास से 100 फर्जी शिक्षकों का ब्योरा मिला है। उसने साल्वर गैंग के जरिये तथा परीक्षा केंद्र से उत्तर कुंजी हासिल कर भी कई फर्जी शिक्षकों की भर्ती कराए जाने की बात स्वीकार की है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 07:30 AM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 08:51 AM (IST)
फर्जी शिक्षक नियुक्ति कराने वाले गिरोह के सरगना ने स्वीकारी भर्ती कराने की बात, UP STF ने शुरू का छानबीन
एसटीएफ को गिरोह के सरगना राम निवास के पास से 100 फर्जी शिक्षकों का ब्योरा मिला है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। जाली दस्तावेजों की मदद से फर्जी शिक्षकों की भर्ती कराने वाले गिरोह के सरगना राम निवास ने अपने साथी रविंद्र की मदद से 100 से अधिक प्राथमिक शिक्षकों को फर्जी दस्तावेजों के जरिए नियुक्त कराने की बात स्वीकार की है। इसमें हरदोई में नौ, इटावा में 10, अमेठी में पांच, गोंडा में एक, बलरामपुर में एक, औरैया में एक, जालौन में नौ, श्रावस्ती में आठ फर्जी शिक्षकों के अलावा सीतापुर, हाथरस व प्रयागराज के भी कुछ मामले शामिल हैं। सभी फर्जी शिक्षकों की छानबीन शुरू कर दी गई है।

स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को गिरोह के सरगना राम निवास के पास से 100 फर्जी शिक्षकों का ब्योरा मिला है। उसने साल्वर गैंग के जरिये तथा परीक्षा केंद्र से उत्तर कुंजी हासिल कर भी कई फर्जी शिक्षकों की भर्ती कराए जाने की बात स्वीकार की है। जांच में सामने आया कि शिक्षकों की फर्जी भर्ती के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के कुछ कर्मियों की मिलीभगत से फर्जी सत्यापन कराया जाता था। इसमें लिपिक नरेंद्र कन्नौजिया की भूमिका सामने आई है, जिसे एक फर्जी सत्यापन के लिए 50 हजार रुपये मिलते थे। उसकी तलाश की जा रही है। कोरोना काल में राम निवास ने एक कर्मी से मुहर लेकर खुद भी कई फर्जी सत्यापन किए थे।

यह भी पता चला है कि राम निवास डाटा साफ्टवेयर कंपनी के अधिकारी संजय सिंह की मदद से टीजीटी/पीजीटी परीक्षा 2021 की ओएमआर शीट में गड़बड़ी कराने की साजिश रच रहा था। राम निवास ने इस परीक्षा में शामिल अपने 36 कंडीडेट की सूची संजय को भेजी थी। संजय ने 26 कंडीडेट की ओमएमआर शीट में बदलाव कराने की हामी भरी थी और हर कंडीडेट के सात लाख रुपये देने का सौदा तय हुआ था। संजय को पांच लाख रुपये पेशगी भी दी जा चुकी थी। संजय ने एक निजी कंपनी के अधिकारी से मुलाकात के लिए ही राम निवास व रविंद्र को लखनऊ बुलाया था। तीनों आरोपितों के विरुद्ध लखनऊ के थाना विभूतिखंड में एफआइआर दर्ज कराई गई है।

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