लखनऊ में फर्जी दारोगा बन वसूली करते पकड़ा गया होमगार्ड, चौकी प्रभारी से बोला- औकात में रहो...तुम्हारी वर्दी उतरवा दूंगा
वाराणसी के मंडलीय प्रशिक्षण संस्थान में हवलदार प्रशिक्षक के पद पर तैनात है आरोपित। गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने आया था लखनऊ। फर्जी दारोगा बन कर रहा था वसूली। पुलिस ने आरोपित होमगार्ड को दबोचा तो अर्दब में लेने की कोशिश फिर थाने में पहुंचते ही फूट-फूटकर रोया।
लखनऊ, जेएनएन। खुद को दारोगा बताकर राजधानी में ठेले वालों से वसूली करने वाला एक होमगार्ड गुरुवार रात पकड़ा गया। फर्जी दारोगा से उसका पीएनओ नंबर पूछा गया तो वह नहीं बता सका। इसके बाद पुलिस को अर्दब में लेते हुए चौकी प्रभारी ऐशबाग से बोला- 'सुनो मिस्टर चौरसिया औकात में रहो..तुम्हारी वर्दी उतरवा दूंगा। आइजी बनारस का बहुत खास आदमी हूं।' इसपर चौकी प्रभारी फर्जी दारोगा को पकड़ कर थाने ले गए। वहां पहुंचे ही आरोपित फूट-फूटकर रोने लगा और सारी वास्तविकता बताई। 26 जनवरी की परेड में शामिल होने आया था लखनऊ...
एसीपी बाजारखाला अनूप कुमार सिंह ने बताया कि गुरुवार रात ऐशबाग पुल के नीचे रितेश सादे कपड़ों में खड़ा था। वहां खुद को दारोगा बताकर ठेले वालों से रुपयों की मांग कर रहा था। इसकी सूचना मिलते ही चौकी प्रभारी ऐशबाग राकेश कुमार चौरसिया और हेड कांस्टेबल शैलेंद्र पहुंचे। उन्होंने रितेश से पूछताछ करने का प्रयास किया तो उन्हें भी अर्दब में लेने का प्रयास किया। आरोपित ने खुद को आइजी बनारस का पीआरओ बताया। इसके बाद बनारस आइजी रेंज दफ्तर में फोन कर पूछताछ की गई तो पता चला कि इस नाम का कोई पीआरओ वहां है ही नहीं। रितेश को पड़कर थाने ले जाया गया। इसके बाद उच्चाधिकारियों को घटना की जानकारी दी गई। एडीसीपी ने पहुंचकर पूछताछ की तो उसके फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ। तलाशी में दारोगा का एक पहचानपत्र और दारोगा की वर्दी में 10 फोटो भी बरामद की गई हैं।
क्या कहती है पुलिस: इंस्पेक्टर बाजारखाला धनंजय सिंह ने बताया पूछताछ में पता चला कि आरोपित वाराणसी के मंडलीय प्रशिक्षण संस्थान में हवलदार प्रशिक्षक के पद पर तैनात है। यहां गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने के लिए आया था। आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
बोला- आइजी बनारस का बहुत खास आदमी हूं...: इंस्पेक्टर बाजारखाला धनंजय सिंह ने बताया कि चौकी प्रभारी राकेश कुमार चौरसिया ने जब रितेश से उसका पीएनओ नंबर पूछा गया तो वह बता नहीं सका। इसके बाद अर्दब में लेने की कोशशि की। चौकी प्रभारी से कहा कि सुनो मिस्टर चौरसिया..औकात में रहो, तुम्हारी वर्दी उतरवा दूंगा। आइजी बनारस का बहुत खास आदमी हूं। इसपर जब चौकी प्रभारी उसे लेकर थाने पहुंचे तो वह रोने लगा।