गजब! सितंबर में स्थानांतरित चिकित्सक ने नवंबर में किए तीन ऑपरेशन, गोंडा जिला अस्‍पताल में उजागर हुआ फर्जीवाड़ा

गोंडा के जिला अस्पताल में एक से बढ़कर एक कारनामे उजागर हो रहे हैं। मामला सर्जरी की फर्जी रिपोर्टिग से जुड़ा है। सितंबर में स्थानांतरित चिकित्सक ने नवंबर में हड्डी के तीन मेजर ऑपरेशन कर डाले। अब एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालने की कोशिश की जा रही है।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 06:18 PM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 06:18 PM (IST)
गजब! सितंबर में स्थानांतरित चिकित्सक ने नवंबर में किए तीन ऑपरेशन, गोंडा जिला अस्‍पताल में उजागर हुआ फर्जीवाड़ा
गोंडा के जिला अस्पताल में सर्जरी की फर्जी रिपोर्टिग का मामला उजागर हुआ है।

गोंडा [नंदलाल तिवारी]। जिला अस्पताल में एक से बढ़कर एक कारनामे उजागर हो रहे हैं। ताजा मामला सर्जरी की फर्जी रिपोर्टिग से जुड़ा है। सितंबर में स्थानांतरित चिकित्सक ने नवंबर में हड्डी के तीन मेजर ऑपरेशन कर डाले। अब एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालने की कोशिश की जा रही है।

जिला अस्पताल के तत्कालीन प्रमुख अधीक्षक डॉ. अरुण लाल 21 सितंबर को स्थानांतरित हो गए। यहां से वह कार्यमुक्त हो गए। हर माह अस्पताल से चिकित्सकों के आपरेशन की प्रक्रिया से जुड़ी सूचनाएं भेजी जाती है। ऐसे में सर्जरी को लेकर अफसरों को भेजी गई रिपोर्ट में नवंबर में डॉ. अरुण लाल को तीन मेजर आपरेशन करने की जानकारी दी गई। जबकि वह सितंबर में ही यहां से लखनऊ जा चुके हैं। मामला सामने आने के बाद अब अस्पताल प्रशासन हरकत में आने लगा है। प्रमुख अधीक्षक डॉ. एसके रावत ने इस मामले में रिपोर्ट तैयार करने वाले कर्मचारी से जवाब मांगा है।

ऑपरेशन में कांप रहे हाथ- जिला अस्पताल के चिकित्सक ऑपरेशन को लेकर मुश्किल में है। वह निर्धारित लक्ष्य को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। 60 ऑपरेशन के निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष नेत्र विशेषज्ञ डॉ. पुनीत श्रीवास्तव मात्र 47, डॉ. विकास सेठी महज 26 ऑपरेशन ही कर पाए। 16 के लक्ष्य के सापेक्ष हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुण मिश्र 12, डॉ. विवेक स्वर्णकार 13, डॉ. वीके गुप्ता 17, डॉ. डीएन सिंह 21, डॉ. अविनाश पांडेय ने 28 ऑपरेशन ही किए हैं।

पहले भी उजागर हो चुका है फर्जीवाड़ा- जिला अस्पताल में अक्टूबर में एक कर्मी को चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लाभ के लिए स्थानांतरित अधिकारी का हस्ताक्षर बनाने का मामला आया था। उस वक्त भी कागजी लिखा पढ़ी की गई थी लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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