कैंसर का कारण है नैनो पार्टिकल, बदल सकता है DNA : BBAU वेबिनार में बोले विशेषज्ञ

बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विवि में आयोजित नैनोसाइंस एंड नैनोटेक्नोलॉजी विषय पर वेबिनार में बोले विशेषज्ञ। कहा नैनो मटेरियल आकार में अत्यधिक छोटे होते हैं जिसकी वजह से शरीर में इनकी उपस्थिति का पता लगाना एक चुनौती होती है। कल होगा समापन।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 10:17 AM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 10:17 AM (IST)
कैंसर का कारण है नैनो पार्टिकल, बदल सकता है DNA : BBAU वेबिनार में बोले विशेषज्ञ
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विवि में आयोजित वेबिनार में बोले विशेषज्ञ। 'नैनोसाइंस एंड नैनोटेक्नोलॉजी विषय पर वेबिनार, कल होगा समापन।

लखनऊ, जेएनएन। नैनों तकनीक जितनी कारगर है उतनी उससे निकलेवाले पार्टिकल मनुष्य के लिए खतरनाक हैं। इससे न केवल कैंसर का खतरा है, बल्कि मनुष्य का डीएनए भी प्रभावित कर सकता है। प्रोफेसर आलोक धवन बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विवि में आयोजित वेबिनार में बतौर विशिष्ट अतिथि बोल रहे थे।

'नैनोसाइंस एंड नैनोटेक्नोलॉजी विषयक वेबिनार में उन्होंने कहा कि नैनोसांइस और तकनीक के आविष्कार के दो पहलू होते हैं, और हमें उसके दोनों सकारात्मक व नकारात्मक पहलुओं पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने नैनोमटेरियल में सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर बात की और कहा कि वे लोग जो नैनो मटेरियल के संपर्क में आते हैं उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। यह नैनो मटेरियल आकार में अत्यधिक छोटे होते हैं जिसकी वजह से शरीर में इनकी उपस्थिति का पता लगाना एक चुनौती होती है। यह नैनो पार्टिकल डीएनए को भी क्षति पहुंचा सकते है और कैंसर का कारण बनते हैं।

इससे पहले कुलपति प्रो.संजय सिंह ने सभी को स्वागत कर वेबिनार की शुरुआत की। प्रो.बीसी यादव के संयोजन में आयोजित वेबिनार में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए प्रोफेसर डीके आसवाल ने कहा कि अर्थव्यवस्था में संसाधनों का समान वितरण समाज के लिए और देश की प्रगति के लिए आवश्यक है। संसाधनों के समान वितरण से सभी को विकास के समान अवसर प्राप्त होते हैं। उन्होंने आगे कहा कि विज्ञान और तकनीक वही बेहतर है जो समाज के आर्थिक और सामाजिक विकास में योगदान दे। 

भोपाल के प्रो. अविनाश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि नैनो तकनीकी की वजह से हल्की, आसानी से इस्तेमाल की जाने वाली मशीनों को विकसित करने में मदद मिली है। नैनो तकनीक इंजीनियरिंग, चिकित्सा, पर्यावरण और संचार के क्षेत्र में बेहद उपयोगी साबित हुई है। प्रो.बीएस भदौरिया की अध्यक्षता में आयोजित वेबिनार में डा. खेमकरण थापा,प्रो. देवेश कुमार, डॉ. रमेश चंद्रा, डॉ.अनिल कुमार यादव, डॉ. देवेंद्र सिंह व डॉ.रविकांत सिंह समेत शिक्षक और विद्यार्थी शामिल हुए। प्रो.एस राम के अलावा रूस की डा.विताली शेर्षनेव और रोज बैमुरातोव फंक्शनल हाइब्रिड स्ट्रक्चर पर चर्चा की।

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