संक्रमण से बचाव के लिए जीवनरक्षक दवाओं का सोच-समझकर करें इस्तेमाल

Antibiotic Medicine लखनऊ के केजीएमयू के रेसेपेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डा. सूर्यकान्त ने बताया कि संक्रमण से बचाव के लिए एंटीबायोटिक्स दवाएं कारगर हैं पर इनका अनावश्यक इस्तेमाल बढ़ा सकता है स्वास्थ्य समस्याएं। इसलिए सोच-समझकर करें सेवन...

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 01:36 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 01:36 PM (IST)
संक्रमण से बचाव के लिए जीवनरक्षक दवाओं का सोच-समझकर करें इस्तेमाल
रोगाणुरोधी प्रतिरोध विकसित करने वाले सूक्ष्मजीवों को ‘सुपरबग्स’ के रूप में भी जाना जाता है।

लखनऊ, जेएनएन। मौसम में बदलाव की आहट सेहत पर असर डालती है। ऐसे में संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, पर इनसे बचाव व इलाज के संबंध में एंटीबायोटिक्स दवाओं के इस्तेमाल को लेकर जागरूकता बहुत जरूरी है।

कारण, संक्रामक बीमारियों के इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स दवाओं का उपयोग किया जाता है ताकि जीवाणुओं के संक्रमण को रोका जा सके, लेकिन ये वायरल संक्रमण जैसे कि सर्दी, फ्लू, खांसी और गले में खराश के खिलाफ प्रभावकारी नहीं हैं। ये बीमारियां शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा स्वत: ठीक हो जाती हैं। इसलिए इनका प्रयोग नियमित रूप से नहीं करना चाहिए।

दरअसल बिना सोचे समझे एंटीबायोटिक्स दवाओं का उपयोग करने पर शरीर में इनके प्रभाव को लेकर प्रतिरोध उत्पन्न हो जाता है, जिसे मेडिकल शब्दावली में एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस कहते हैं। एंटीबायोटिक्स दवाओं के अनावश्यक इस्तेमाल पर ये शरीर पर असर दिखाना बंद कर देती हैं। फलस्वरूप जब शरीर को इनकी आवश्यकता होती है, तब इनके माध्यम से उपचार अप्रभावी हो जाता है और संक्रमण जारी रहता है। इससे दूसरों में भी संक्रमण फैलने की संभावना रहती है। रोगाणुरोधी प्रतिरोध विकसित करने वाले सूक्ष्मजीवों को ‘सुपरबग्स’ के रूप में भी जाना जाता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस वैश्विक स्वास्थ्य के शीर्ष 10 खतरों में से एक है। जीवाणु संक्रमण के इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स का उपयोग वहां किया जा सकता है, जहां एंटीबायोटिक दवाओं के बिना ठीक होने की संभावना नहीं है, क्योंकि यदि एंटीबायोटिक्स का उपयोग न किया जाए तो उपचार में बहुत अधिक समय लग सकता है।

यदि आप एंटीबायोटिक दवाओं की एक खुराक लेना भूल जाते हैं तो याद आते ही वह खुराक ले लें और फिर सामान्य रूप से एंटीबायोटिक्स दवाओं का कोर्स जारी रखें। गलती से आपने यदि अतिरिक्त खुराक ले ली है तो गंभीर नुकसान होने की संभावना नहीं है, लेकिन इससे आपको पेट दर्द, उल्टी, दस्त, थकावट महसूस होना, बदन दर्द जैसे कुछ दुष्प्रभावों का अनुभव हो सकता है। यदि अधिक तकलीफ का अनुभव कर रहे हैं तो शीघ्र ही अपने चिकित्सक से संपर्क करें। किसी भी दवा की तरह एंटीबायोटिक्स दवाओं के भी कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं। हालांकि अधिकांश एंटीबायोटिक्स से कोई समस्या नहीं होती यदि उनका ठीक से उपयोग किया गया हो। इनके गंभीर दुष्प्रभाव कम लोगों में देखे जाते हैं।

कुछ लोगों को एंटीबायोटिक दवाओं, विशेष रूप से पेनिसिलिन और सेफलोस्पोरिन से एलर्जी हो सकती है। बहुत ही कम मामलों में इससे गंभीर एलर्जी हो सकती है, जो चिकित्सा की एक आपात स्थिति है। इसके प्रसार का मुख्य कारण रोगाणुरोधी दवाओं का दुरुपयोग और कृषि में अनुचित प्रयोग है। प्रत्येक परिस्थिति में डाक्टर की सलाह से ही समाधान सुनिश्चित करें व स्वत: निदान से दूर रहें।

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