केजीएमयू की क्रोनो मेडिसिन लैब में निश्‍शुल्‍क होगी 'बीपी' की सटीक जांच

मिलेगी सुविधा : केजीएमयू में मार्च तक तैयार हो जाएगी लैब। सात दिनों तक 24 घंटे मशीनें रिकार्ड करेंगी ब्लड प्रेशर।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Fri, 18 Jan 2019 09:16 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jan 2019 02:49 PM (IST)
केजीएमयू की क्रोनो मेडिसिन लैब में निश्‍शुल्‍क होगी 'बीपी' की सटीक जांच
केजीएमयू की क्रोनो मेडिसिन लैब में निश्‍शुल्‍क होगी 'बीपी' की सटीक जांच

लखनऊ, (आशीष त्रिवेदी)। 24 घंटे में आपका ब्लड प्रेशर किस समय ज्यादा बढ़ता या घटता है, इसकी सटीक जांच अब केजीएमयू के फिजियोलॉजी विभाग में हो सकेगी। यहां पर मार्च तक क्रोनो मेडिसिन लैब स्थापित कर दी जाएगी। इस लैब में एंबुलेटरी ब्लड प्रेशर मॉनीटरिंग सिस्टम के माध्यम से व्यक्ति की सात दिनों तक 24 घंटे ब्लड प्रेशर की रीडिंग ली जाएगी। निजी अस्पतालों में यह जांच 1600-1800 रुपये तक में होती है, मगर केजीएमयू में निश्शुल्क होगी। हृदय रोग विशेषज्ञों को जांच की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। 

फिजियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. नरसिंह वर्मा ने बताया कि हर व्यक्ति में बॉडी क्लॉक यानी जैविक घड़ी होती है, इसे जब बीमारी व मेडिसिन से जोड़ते हैं तो उसे क्रोनो मेडिसिन कहा जाता है। इससे सटीक इलाज होता है। एंबुलेटरी ब्लड प्रेशर मॉनीटङ्क्षरग सिस्टम सुबह से लेकर रात तक ऑटोमेटिक ढंग से ब्लड प्रेशर रिकार्ड करेगा। यह डिवाइस मोबाइल के बराबर होती है और इसका मॉनीटर बेल्ट में लगाया जाता है तथा हाथ में आर्म कफ बांध दिया जाता है। इसके बाद मॉनीटरिंग शुरू हो जाती है। 

डॉ. वर्मा ने बताया कि साधारण व्यक्ति में देर रात 12 बजे ब्लड प्रेशर कम होता है और सुबह उठने पर बढ़ता है। सामान्य तौर पर 100 से 140 के बीच ब्लड प्रेशर नार्मल और इससे अधिक होने पर हाई ब्लड प्रेशर होता है। वहीं 70 से 90 के बीच ब्लड प्रेशर नार्मल होता है और इससे कम होने पर लो ब्लड प्रेशर माना जाता है। इस एंबुलेटरी ब्लड प्रेशर मानीटरिंग सिस्टम में ब्लड प्रेशर की 500 रीडिंग ली जाएंगी। अगर दस प्रतिशत रीडिंग में अंतर है तो वह ठीक है। अंतर 50 प्रतिशत है तो उसे इलाज की जरूरत है। मगर कई लोगों में ब्लड प्रेशर रिवर्स डिपिंग होता है। यह रात में बढ़ता है और दिन में घटता है। यह खतरनाक है।

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