'अच्‍छा माहौल चाहिए... निगेटिव चीजों को कागज पर लिखकर जला दें' Lucknow news

संत और इंटरपे्रन्योर दंडपाणि ने साझा किए विचार। ध्यान केंद्रित करने और एनर्जी बनाए रखने के दिए टिप्स। - बोले-दिमाग स्थिर है एकाग्रता के लिए चित्त की अस्थिरता रोकें।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 20 Nov 2019 04:38 PM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 07:23 AM (IST)
'अच्‍छा माहौल चाहिए... निगेटिव चीजों को कागज पर लिखकर जला दें' Lucknow news
'अच्‍छा माहौल चाहिए... निगेटिव चीजों को कागज पर लिखकर जला दें' Lucknow news

लखनऊ, जेएनएन। मस्तिष्क स्थिर है। इसमें अंतरनिहित चित्त इधर-उधर घूमता है। चित्त की अस्थिरता को रोकें। मस्तिष्क अपने आप एकाग्र होगा। दिमाग में चल रही नकारात्मक चीजों को हटाएं। इसके लिए वासना दाह तंत्र का प्रयोग करें। नकारात्मक चीजों को एक कागज पर लिख लें और जला डालें। ऐसा करने पर आपको एक अच्छे माहौल का एहसास होगा। फिर आप अच्छी बातों को ग्रहण करेंगे। यह सीख-संदेश है संत और इंटरप्रेन्योर दंडपाणि का। 

गोमती नगर स्थित होटल हयात में इंटरपे्रन्योर ऑर्गनाइजेशन (ईओ) के लखनऊ कानपुर चैप्टर की ओर से (अनब्रेवङ्क्षरग फोकस) ध्यान केंद्रित करने पर लेक्चर हुआ। इससे पूर्व दंडपाणि ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में ध्यान केंद्रित करने और मन को एकाग्र करने की महत्वपूर्ण तरीके साझा किया। उन्होंने कहा यह समझना बेहद जरूरी है कि मस्तिष्क कैसे काम करता है। यदि आपको इसकी जानकारी नहीं है तो आप मस्तिष्क को नियंत्रित नहीं कर सकते।

कहा, दुनिया में हर चीज को समझने के लिए मैनुअल (इंस्ट्रक्शन बुक) हैं, मगर मस्तिष्क को समझने के लिए ऐसा नहीं है। मस्तिष्क नहीं बल्कि उसमें चल रही जिज्ञासाएं (चित्त) इधर-उधर जाती हैं। चित्त अच्छी जगह जाता है तो दिमाग खुश रहता है। खराब जगह जाता है तो उदास रहता है।

उन्होंने कहा कि अपनी दिनचर्या को ऊर्जावान बनाए रखने के लिए अच्छे और सकारात्मक विचारों वाले लोगों के संपर्क में रहें। निगेटिव सोचने वाले उसी तरह की बातें कर आपकी एनर्जी को कम करते हैं। संत ने कहा कि दिमाग दो तरह के होते हैं। दैनिक क्रिया कलाप को हमारा दिमाग माइंड कंट्रोल करता है और पुरानी निगेटिव-पॉजिटिव चीजें सबकंशियस माइंड में स्टोर रहती हैं। इसमें स्टोर निगेटिव चीजों को वॉश करते रहें, ताकि अच्छी चीजें स्टोर हो सकें। दंडपाणि ने कहा हर किसी को अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। यदि आपको अपना लक्ष्य हीं नहीं पता तो अपनी ऊर्जा किस दिशा में लगाएंगे? उन्होंने कहा कि टेलीवीजन और सोशल मीडिया हर एक के मन मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव डालते हैं। हम जैसा देखते हैं, वैसा ही हमारा दिमाग सोचने और काम करने लगता है।

कार्यशाला में दिए टिप्स

दंडपाणि देर शाम होटल हयात स्थित कार्यक्रम में पहुंचे। इस दौरान उन्हें सुनने के लिए ईओ चैप्टर के बड़ी संख्या में सदस्य पहुंचे। उन्होंने दंडपाणि के मोटीवेशनल व एकाग्रता बनाए रखने से जुड़े विचारों को सुना। नकारात्मक भाव से दूर रहकर कैसे भविष्य में सफलता की राह तय करें, यह जाना। इस दौरान कार्यशाला में मुख्य रूप से ईओ यूपी के प्रेसीडेंट भरत गर्ग, हेड कम्युनिकेशन अमित घई, लर्निंग चेयर आदित जशनानी मौजूद रहे।  

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