सेवानिवृत्त शिक्षक की कुल्हाड़ी से गला काटकर हत्या, अंबेडकरनगर में इंजीनियर बेटे ने की वारदात
पड़ोस की महिला शिक्षक के घर पहुंची तो चारपाई खून से लथपथ देख आसपास के लोगों को सूचना दी। एएसपी संजय राय सीओ केके शुक्ल थानाध्यक्ष विजय प्रताप तिवारी ने घटना स्थल का जायजा लिया। एएसपी ने हत्यारोपित पुत्र को जल्द गिरफ्तार करने का निर्देश दिया।
अंबेडकरनगर, जागरण संवाददाता। मामूली कहासुनी के बीच पुत्र ने कुल्हाड़ी से हमला कर पिता की हत्या कर दी। आरोपित फरार है। यह घटना कटका थाने के दुल्हूपुर कला गांव की है। यहां के सेवानिवृत्त शिक्षक रामसुमेर शनिवार दोपहर को खाना खाकर बरामदे में सो रहे थे। घर में इनकी पत्नी भी आराम कर रही थीं। छोटा पुत्र राकेश गत दस वर्षों से मानसिक रूप से अस्वस्थ है। उसका इलाज चल रहा है। वह किसी न किसी बात को लेकर पिता से उलझ जाता था। किसी बात से नाराज होकर राकेश ने धारदार हथियार से अपने पिता के गले पर ताबड़तोड़ वार कर दिया। शिक्षक की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद आरोपित घर से फरार हो गया।
पड़ोस की महिला शिक्षक के घर पहुंची तो चारपाई खून से लथपथ देख आसपास के लोगों को सूचना दी। एएसपी संजय राय, सीओ केके शुक्ल, थानाध्यक्ष विजय प्रताप तिवारी ने घटना स्थल का जायजा लिया। एएसपी ने हत्यारोपित पुत्र को जल्द गिरफ्तार करने का निर्देश दिया। पुलिस ने छोटे पुत्र कुलदीप की तहरीर पर राकेश के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। सीओ केके शुक्ल ने बताया कि हत्या का मुकदमा दर्ज कर आरोपित की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।
जन्मदाता का हत्यारा क्यों बना राकेश, रहस्य बरकरार : हत्यारोपित राकेश अपने जन्मदाता का हत्यारा क्यों बना? इस रहस्य से पर्दा उठना अभी बाकी है। सेवानिवृत्त शिक्षक के पांच पुत्र हैं। बड़ा पुत्र दिनेश लखनऊ में नौकरी करता है। इनसे छोटा हत्यारोपित राकेश है। वह रुड़की इंजीनियरिंग कालेज से बीटेक पास है। तीसरे नंबर का पुत्र विमल अकबरपुर में शिक्षक है। चौथा पुत्र अखिलेश घर पर रहकर पढ़ाई करता है और सबसे छोटा पुत्र कुलदीप प्रयागराज में पढ़ाई कर रहा है। वर्तमान में कुलदीप घर आया है। घटना से पहले कुलदीप बाजार चला गया था। घर पर अकेले पिता और मां थीं। मानसिक रूप से बीमार इंजीनियर राकेश ने ऐसा कदम क्यों उठाया, कोई बताने को तैयार नहीं है। भाजपा नेता डा. राजेश सिंह, ब्लाक प्रमुख गौरव सिंह आदि नेताओं ने घर पहुंचकर पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाया।