ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा का सख्त निर्देश, अस्थायी बिजली कनेक्शनों की समीक्षा कर तय समय में स्थायी करें

ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष को निर्देश दिया है कि उपभोक्ता हित में एक समयसीमा के लिए दिये गए अस्थायी बिजली कनेक्शनों की गहन समीक्षा कर उन्हें स्थायी किया जाए। अनियमितता मिलने पर संबंधित डिस्काम की जवाबदेही तय कर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 11:28 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 08:24 AM (IST)
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा का सख्त निर्देश, अस्थायी बिजली कनेक्शनों की समीक्षा कर तय समय में स्थायी करें
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने निर्देश दिया है कि अस्थायी बिजली कनेक्शनों की गहन समीक्षा कर उन्हें स्थायी किया जाए।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष को निर्देश दिया है कि उपभोक्ता हित में एक समयसीमा के लिए दिये गए अस्थायी बिजली कनेक्शनों की गहन समीक्षा कर उन्हें स्थायी किया जाए। अनियमितता मिलने पर संबंधित डिस्काम की जवाबदेही तय कर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए। शर्मा ने अपने इस निर्देश की जानकारी रविवार को ट्वीट करके दी।

नोएडा में बिल्डरों को अस्थायी बिजली कनेक्शन देने की आड़ में उजागर हुए घोटाले और उसमें हुई कार्रवाई के बाद प्रदेश के अन्य इलाकों में भी ऐसी अनियमितताओं का अंदेशा होने के मद्देनजर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के यह निर्देश दिया है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने भी ऊर्जा मंत्री से मांग की है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ त्वरित कार्रवाई के लिए शासन स्तर पर अविलंब कठोर कदम उठाए जाएं नहीं तो उच्च पदों पर बैठे गड़बड़ियों के दोषी अभियंता साक्ष्यों को मिटाने में कामयाब हो जाएंगे।

उपभोक्ता हित में एक समय सीमा के लिए दिये गये अस्थाई कनेक्शनों की @UppclChairman गहन समीक्षा करें, नियमानुसार उन्हें स्थायी करें। अनियमितता मिलने पर संबंधित Discoms की जवाबदेही तय कर कठोर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करें। @UPGovt @BJP4India @BJP4UP

— Shrikant Sharma (@ptshrikant) December 5, 2021

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने रविवार को ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात कर उन्हें इस संबंध में प्रस्ताव सौंपा। अपने प्रस्ताव में उपभोक्ता परिषद ने मुद्दा उठाया कि बिजली निगमों में बड़े बिल्डरों को नया या अस्थायी कनेक्शन देने में पूरे प्रदेश में बड़े पैमाने पर अनियमितता का अंदेशा है। ऐसे में प्रदेश सरकार को इस प्रकार के भ्रष्टाचार की किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करने पर भी विचार करना चाहिए। ऊर्जा मंत्री ने विभाग के अपर मुख्य सचिव को लिखित निर्देश दिया कि सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति के तहत उपभोक्ता हित में दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।

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