लखनऊ विकास प्राधिकरण में कर्मचारियों की होगी पदोन्नति, चतुर्थ श्रेणी को वर्दी देने की तैयारी
लखनऊ विकास प्राधिकरण लविप्रा के उपाध्यक्ष और कर्मचारी संघ के बीच हुई वार्ता काफी सकारात्मक रही। करीब दो घंटे चली बैठक में एलडीए उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने कर्मचारी संघ की तर्कसंगत मांगों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ विकास प्राधिकरण लविप्रा के उपाध्यक्ष और कर्मचारी संघ के बीच हुई वार्ता काफी सकारात्मक रही। करीब दो घंटे चली बैठक में एलडीए उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने कर्मचारी संघ की तर्कसंगत मांगों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण कर्मचारी संयुक्त संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष अवधेश सिंह, लखनऊ विकास प्राधिकरण कर्मचारी संघ के अध्यक्ष एसपी सिंह, महामंत्री दिनेश शुक्ला ने मांगों को उठाया। इस पर लविप्रा उपाध्यक्ष ने प्राधिकरण में कार्यरत विभिन्न संवर्गों के कर्मचारियों की डीपीसी निस्तारित करने के निर्देश। वहीं, पूर्व की भांति चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को वर्दी वितरित करने के आदेश दिए।
सालों से लंबित पारिवारिक पेंशनरों की सूची तैयार कर शीघ्र निस्तारित करने की बात कही। 391 कर्मियों की एसीपी सुविधा अनुमन्य करने के साथ ही वर्ष 1991 से 1993 और वर्ष 2001 तक रखे कर्मियों को नियमतिकरण करने की कार्यवाही के लिए शासन से पत्राचार की बात अफसरों ने कही। बता दें कि इन कर्मियों की जमीनें लविप्रा की योजनाओं में गई थीं, जो आज तक नियमित नहीं हो सके हैं। लविप्रा बोर्ड बैठक में पास कर प्राधिकरण भत्ता ग्रेड पे के अनुसार दिया जा रहा था, कोविड 19 के अंतर्गत भत्ता यह बंद कर दिया गया था, फिर से लागू करने पर तय हुआ कि अगर शासन दिसंबर 2021 तक लागू नहीं करता तो जनवरी 2022 से अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। कर्मियों को पंद्रह वर्षों की आसान किस्तों पर फ्लैट दिए जाएंगे, यह प्रस्ताव बोर्ड मीटिंग में रखा जाएगा।
पदाधिकारियों ने अवकाशों का नकदीकरण व्यवस्था बहाल करने की बात कही, इस पर उपाध्यक्ष ने शासन में नियमानुसार कार्यवाही की बात कही। लविप्रा कर्मियों को प्रतिमाह तीन सौ रुपये चिकित्सा भत्ता दिया जा रहा है, लेकिन महंगाई के दृष्टिगत उक्त भत्ते को एक हजार रुपये प्रतिमाह करने के संबंध में मुद्दा उठाया गया, इस पर लविप्रा उपाध्यक्ष ने बोर्ड मीटिंग में रखने की बात कही। नए पद सृजित करने के साथ ही शिक्षित, योग्य और वरिष्ठ कर्मचारियों की पदोन्नति करने के मामले में उपाध्यक्ष ने नियमानुसार कार्यवाही करने की बात कही। वहीं उन कर्मचारियों के पीएफ खाते खोले जाए या नहीं, इसके लिए शासन से मार्गदर्शन प्राप्त करने को कहा गया है।