बहराइच में हाथियों का झुंड चट कर रहा भवनियांपुर गांव की हरी-भरी फसल, किसान परेशान
बहराइच कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के भवानीपुर गांव में हाथियों का आतंक लुभा रही भवनियांपुर गांव की हरी-भरी फसल। दोपहर बाद खेतों की ओर होने लगता है हाथियों का आगमन। वन विभाग फसलों को बचाने के लिए नहीं उठा रहा ठोस कदम। किसान परेशान।
बहराइच, जेएनएन। कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के भवानीपुर गांव में दोपहर बाद हाथियों के झुंड का खेतों की ओर आना शुरू हो जाता है। खेतों में पहुंचकर हाथी हरी-भरी फसलें नष्ट कर रहे हैं। हाथियों से फसल के बचाव के लिए वन विभाग कोई कदम नहीं उठा रहा है। हाथियों की दस्तक से लोग दहशतजदा हैं।
घना जंगल होने के कारण हाथियों का झुंड दोपहर बाद भवानीपुर गांव पहुंच जाता है। खेतों में लगी हरी-भरी गेहूं की फसलों को हाथी चट कर रहे हैं। भवानीपुर के किसान बड़ी तादाद में गेहूं की खेती करते हैं। गेहूं की फसल को हाथी मुलायम चारा समझकर खा लेते हैं। हाथियों का झुंड खेत से होकर आबादी की ओर पहुंच गया। हाथियों को देखकर लोग सहम गए। हांका लगाकर तेज आवाज में ड्रम बजाना शुरू किया, लेकिन हाथी टस से मस नहीं हुए। कतर्निया घूमने जाने वाले पर्यटकों को सड़क किनारे हाथियों का झुंड चहलकदमी करता नजर आ रहा है।
हाथियों के झुंड को देखकर पर्यटक रोमांचित : बंधे पर हाथियों के झुंड को देखकर पर्यटक रोमांचित हो रहे हैं। वन विभाग जंगली हाथियों से बचाव के लिए न तो कोई ठोस कदम उठा रहा और न ही ग्रामीणों को जागरूक कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि जिस तरह वन विभाग मौन साधे हुए है, उससे किसी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है। प्रभागीय वनाधिकारी यशवंत ने बताया कि वन विभाग हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखे हुए है।
मुख्य मार्ग पर 30 मिनट डटा रहा हाथियों का झुंड, आवागमन बाधित: कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के कतर्निया रेंज के सदर बीट कैलाशपुरी बाजार के पास शुक्रवार रात जंगली हाथियों का झुंड बीच सड़क पर पहुंच गया। लगभग 30 मिनट तक मार्ग पर हाथी डटे रहे। इससे आवागमन बाधित रहा। लखनऊ से सुजौली आ रही निजी बस के चालक ने हाथियों का झुंड बीच सड़क पर खड़ा देखकर रोक दिया। यात्री हाथियों के जंगल में जाने का इंतजार करने लगे। आधे घंटे बाद जब हाथियों का झुंड जंगल में चला गया, तब आवागमन शुरू हो सका। कई दिनों से जंगली हाथियों का झुंड कतर्निया बंधे के रास्ते घाघरा बैराज पर जल क्रीड़ा करने पहुंच जाता है। शाम होते ही यह कैलाशपुरी बाजार व उसके आसपास के जंगलों में चहलकदमी करते रहते हैं।