यूपी में चुनावी साल में नहीं लगेगा महंगी बिजली का झटका, ऊर्जा मंत्री बोले- सरकार सस्ती बिजली देने को संकल्पबद्ध

उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा का कहना है कि सरकार तो सस्ती बिजली देने के लिए संकल्पबद्ध है। बिजली कंपनियों के घाटे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों की आर्थिक अनियमितताओं के कारण ही पावर कारपोरेशन घाटे में है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 09:01 AM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 09:02 AM (IST)
यूपी में चुनावी साल में नहीं लगेगा महंगी बिजली का झटका, ऊर्जा मंत्री बोले- सरकार सस्ती बिजली देने को संकल्पबद्ध
चुनावी साल में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार किसी भी तरह से बिजली महंगी होते नहीं देखना चाहती है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। कमाई बढ़ाने के लिए बिजली कंपनियां भले ही स्लैब परिवर्तन कर उपभोक्ताओं के बिजली खर्च को बढ़ाने में जुटी हैं लेकिन चुनावी साल में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार किसी भी तरह से बिजली महंगी होते नहीं देखना चाहती है। कंपनियों को घाटे से उबारने के लिए बिजली महंगी किए बिना जहां बिजली चोरी पर कड़ाई से अंकुश लगाया जाएगा, वहीं हर एक बिल की वसूली सुनिश्चित की जाएगी। इस बीच एआरआर (वार्षिक राजस्व आवश्यकता) संग स्लैब परिवर्तन संबंधी विद्युत नियामक आयोग में कंपनियों द्वारा दाखिल किए गए प्रस्ताव के खिलाफ उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने भी जनहित प्रत्यावेदन दाखिल कर याचिका को खारिज करने की मांग की है। 

उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा का कहना है कि सरकार तो सस्ती बिजली देने के लिए संकल्पबद्ध है। बिजली कंपनियों के घाटे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों की आर्थिक अनियमितताओं के कारण ही पावर कारपोरेशन घाटे में है। मंगलवार को विधानभवन स्थित कार्यालय कक्ष में विभागीय समीक्षा करने के बाद मंत्री ने बताया कि उन्होंने पावर कारपोरेशन के चेयरमैन को घाटा कम करने के लिए लाइन लास घटाने और बिलिंग कलेक्शन की क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

बिजली कंपनियों के स्लैब परिवर्तन संबंधी प्रस्ताव पर सवाल उठाते हुए उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने मंगलवार को आयोग में जनहित याचिका दाखिल कर उसे खारिज करने की मांग की। अवधेश वर्मा का कहना है कंपनियों ने संवैधानिक प्रक्रिया का उल्लंघन कर पूर्व के टैरिफ आर्डर की पुनर्विचार याचिका आयोग में विचाराधीन होने के बावजूद अपटेल में मुकदमा किया है। वर्मा का कहना है कि स्लैब परिवर्तन के प्रस्ताव को रद करने के साथ ही बिजली 25 फीसद सस्ती होनी चाहिए।

सूत्रों के मुताबिक, बिजली महंगी करने संबंधी टैरिफ या स्लैब परिवर्तन के मामले में सरकार सामने तो नहीं आएगी लेकिन वह कतई नहीं चाहेगी पंचायत चुनाव और फिर विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस साल बिजली महंगी हो। पहले से ही कोरोना से परेशान प्रदेशवासियों को महंगी बिजली का झटका देकर सरकार उन्हें नाराज नहीं करना चाहती है।

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