Ayodhya Ram Mandir News: इको फ्रेंडली राम मंदिर परिसर जलापूर्ति के मामले में होगा आत्मनिर्भर
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने परिसर को इको फ्रेंडली बनाने का संकल्प लिया है। यहां ऐसी कोई भी वस्तु का प्रयोग नहीं किया जा रहा जो पर्यावरण को क्षति पहुंचाने वाली हो। मंदिर निर्माण के शुरुआती दौर से ही इसकी झलक देखने को मिलती रही है।
अयोध्या, [प्रवीण तिवारी]। राम मंदिर न सिर्फ भव्यता व स्थापत्य कला की ²ष्टि से विश्व में मिसाल कायम करने वाला होगा बल्कि यहां से पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी प्रसारित होगा। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने परिसर को इको फ्रेंडली बनाने का संकल्प लिया है। यहां ऐसी कोई भी वस्तु का प्रयोग नहीं किया जा रहा, जो पर्यावरण को क्षति पहुंचाने वाली हो। मंदिर निर्माण के शुरुआती दौर से ही इसकी झलक देखने को मिलती रही है। नींव खोदाई में बाधा बनने वाले सौ-सौ वर्ष पुराने पीपल, बरगद, पाकड़, नीम आदि वृक्षों को काटा नहीं गया बल्कि अन्यत्र शिफ्ट कर रोपित कर दिया गया, जो आज भी संरक्षित हैं।
ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने बताया कि परिसर में हरियाली का बोलबाला होगा। अभी छह सौ पेड़ हैं। नक्षत्र वाटिका भी है। उन्होंने बताया कि परिसर में उपयोग होने वाले पानी को भी नगर निगम से लेने की मंशा नहीं है। परिसर में जितना भी पानी का उपयोग होगा, उसकी व्यवस्था परिसर में ही की जाएगी। जलापूर्ति के मामले में राम मंदिर परिसर आत्मनिर्भर बनेगा। वर्षा जल संचयन की व्यवस्था भी होगी। इसके संयंत्र परिसर में लगाए जाएंगे।
पॉलीथिन मुक्त राम मंदिर परिसर हरित ऊर्जा की ओर
राम मंदिर में पर्यावरण संरक्षण का कार्य शुरू हो गया है। पर्यावरण के अनुकूल वस्तुओं का प्रयोग करने पर बल है। परिसर पॉलीथिन मुक्त है। प्रसाद का वितरण भी मोटे कागज के पैकेट में किया जाता है, जो भी भक्त रामलला का दर्शन कर बाहर निकलता है, उसे इसी पैकेट में प्रसाद दिया जाता है। आने वाले दिनों में परिसर को हरित ऊर्जा से आच्छादित करने की योजना है। दरअसल हरित ऊर्जा पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकारक नहीं है। राम मंदिर परिसर में सोलर प्लांट लगाने की योजना है।