Durga Idol Immersion: सिंदूर खेला के साथ हुई मां की विदाई, आदि गंगा गोमती के किनारे गड्ढे में हुआ विसर्जन

लखनऊ में शुक्रवार को दुर्गा पूजा पंडालों में एक दूसरे को सिंदूर लगाती और ढाक की धुन पर थिरकती महिलाएं जय मां दुर्गा के जयकारे से गुंजायमान वातावरण मां के कान में अपनी मनोकामना पूर्ण करने का संदेश देते श्रद्धालु। माहौल प्रतिमा के विसर्जन से पहले नजर आया।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 05:15 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 07:14 PM (IST)
Durga Idol Immersion: सिंदूर खेला के साथ हुई मां की विदाई, आदि गंगा गोमती के किनारे गड्ढे में हुआ विसर्जन
लखनऊ में शुक्रवार को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन में पांच पदाधिकारियों के जुलूस में जाने रही।

लखनऊ जागरण संवाददाता। दुर्गा पूजा पंडालों में एक दूसरे को सिंदूर लगाती और ढाक की धुन पर थिरकती महिलाएं, जय मां दुर्गा के जयकारे से गुंजायमान वातावरण, मां के कान में अपनी मनोकामना पूर्ण करने का संदेश देते श्रद्धालु। कुछ ऐसा ही माहौल शुक्रवार को दुर्गा पूजा पंडालों में मां दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन से पहले नजर आया। मां के माइके आने और सिंदूर खेला के साथ सुहागन होने की कामना के साथ विदाई का मनोरम दृश्य बंगाली समाज की संस्कृति के बारे में बता रहा था। झूलेलाल घाट के पास बने कुंडाें में विसर्जन किया गया।

बादशाहनगर में दुर्गा पूजा समिति की ओर से प्रतिमा विसर्जन के लिए पांच सदस्य वाहन से रवाना हुए। रवानगी से पहले प्रिया सिन्हा के संयोजन में सिंदूर खेला हुआ। एक दूसरे को सिंदूर लगाकर सुहाग की कामना करती महिलाओं की टोली ने शारीरिक दूरी के साथ मां को विदा किया। छोटी व बड़ी प्रतिमाओं के लिए बड़े व छोटे गड्ढे बनाए गए थे। बंगाली क्लब में परिसर में ही भूमि विसर्जन किया गया। क्लब के अध्यक्ष अरुण बनर्जी ने बताया कि सिंंदूर खेला के साथ मां की विदाई की गई। परिसर में ही भूमि विसर्जन किया गया। कोरोना संक्रमण के चलते बाहरी लोगों को आने पर प्रतिबंध था।

विसर्जन से पहले ढाक की धुन पर धुनुचि आरती हुई और भोग लगाया गया। आलमबाग के सिंधी स्कूल में सुबह विशेष पाठ किया गया तो कानपुर रोड एलडीए कालोनी के कमेटी हाल में पूजन के लिए दुर्गा पूजा कमेटी के सदस्यों की कतार लगी रही। संयोजक सदस्य आलोक मित्रा ने बताया कि बच्चों और बुजुर्गों को विसर्जन जुलूस में नहीं आने दिया गया। विद्यांत कालेज में धुनुचि आरती के बाद विदाई हुई। ट्रांसगोमती नगर दुर्गा पूजा एवं दशहरा कमेटी के संयोजक तुहिन बनर्जी ने बताया कि अलीगंज के चंद्रशेखर पार्क के सामने पूजन हुआ और पांच लोगों के साथ सिंदूर खेला के साथ प्रतिमा का विसर्जन किया गया। केकेसी के सेवाग्राम कालोनी में स्थापित दुर्गा पूजा पंडाल में सुशांतो ,अतुल व मदन की ढाक पर पीके घोष ने पूजन किया और मां को विसर्जन के लिए रवाना किया। शाश्वत सामाजिक और सांस्कृतिक संस्थान की ओर से विकास नगर में दुर्गा पंडाल में पूजन के बाद मां की विदाई हुई। सुमित भौमिक ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते सिर्फ पांच लोग ही विसर्जन में शामिल हुए।

छावनी दुर्गा पूजा कमेटी की ओर से पंडाल में मां का आह्वान किया गया।

प्रवक्ता निहार डे ने बताया कि पूजन के साथ ही सिंदूर खेल हुआ। आशियाना दुर्गा पूजा कमेटी के संयोजक सदस्य बी घोष ने बताया कि मंदिर में कलश स्थापना की गई थी पूजन के बाद कलश हटाया गया। शंखनाद के साथ निरालानगर के श्रीराम कृष्ण मठ के स्वामी मुक्तिनाथानंद ने मां का विसर्जन कराया। श्री श्री सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमेटी की ओर से विकल्पखंड-दो स्थित भोलेनाथ मंदिर में नीरा सिन्हा वर्षा, लीपिका उकील ,मधु सिहं ,मुन्नी राय शिवानी सिहं,शचि राय व श्रावनी सहित कई महिलाओं ने एक दूसरे को सिंदूर लगाकर मां की विदाई की। दुर्गा पूजा प्रतिमा विसर्जन कमेटी के अध्यक्ष रूपेश मंडल ने बताया कि विसर्जन को लेकर गाइडलाइन निर्देशों के अनुसार विसर्जन किया गया। गाइडलाइन के तहत छोटे वाहन में माता की प्रतिमा लेकर पांच श्रद्धालुओं के साथ लोग आए। विसर्जन की तस्वीरें कमेटी को उनके व्हाट्सएप पर भेजी जा रही है। काेरोना संक्रमण के चलते कम आयोजन हुए और प्रतिमाएं भी छोटी रहीं जिससे जल्दी विसर्जन हो गया।

नहीं हुई ढाक प्रतियोगिता:

कैसरबाग के घसियारी मंडी स्थित मां काली बाड़ी मंदिर के परिसर में हर वर्ष आयोजित होने वाली ढाक वादन प्रतियोगिता नहीं हुुई। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष गौतम भट्टाचार्य ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिर में पूजा तो हुई, लेकिन प्रतियोगिता नहीं हुई। ढाकियों की संख्या भी कम रही। यहां हर साल 150 से अधिक ढाकिए प्रतियोगिता में हिस्सा लेते थे।

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