लखनऊ में दस दिन में बनाया 505 बेड का अस्पताल, जानिए कौन हैं शहर के डीआरडीओ वैज्ञानिक
डीआरडीओ ने 16 अप्रैल को अनंत कुमार शुक्ल को अचानक लखनऊ पहुंचकर कोविड अस्पताल बनाने का आदेश दिया। अनंत कुमार शुक्ल लखनऊ आए और अपनी टीम के साथ अवध शिल्प ग्राम में डीआरडीओ अस्पताल बनाने में जुट गए।
लखनऊ, [निशांत यादव]। जब शहर में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए एक-एक बेड का संकट खड़ा हुआ तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में 505 बेड का कोविड अस्पताल को बनाने का आदेश दिया। इसके लिए डीआरडीओ ने देशभर से अपने चुनिंदा विज्ञानी, डाक्टर और सिविल क्षेत्र के विशेषज्ञ अधिकारियों की टीम बनाई। दिल्ली के खेत में 10 दिन के भीतर सरदार वल्लभ भाई पटेल कोविड अस्पताल बनाने वाले आईपी सिंह को लखनऊ भेजा, जबकि आईसीयू बनाने सहित सभी बड़े तकनीकी काम को अंजाम दिया लखनऊ निशातगंज के रहने वाले डीआरडीओ के विज्ञानी अनंत कुमार शुक्ल ने। उन्होंने अस्पताल को बनाने में टीम लीडर की भूमिका निभाई।
अनंत कुमार शुक्ल इन दिनों विशाखापत्तनम में नौसेना के एक बेस को बनाने के प्रोजेक्ट पर वहां तैनात थे। डीआरडीओ ने 16 अप्रैल को उनको अचानक लखनऊ पहुंचकर कोविड अस्पताल बनाने का आदेश दिया। अनंत कुमार शुक्ल लखनऊ आए और अपनी टीम के साथ अवध शिल्प ग्राम में डीआरडीओ अस्पताल बनाने में जुट गए। डीआरडीओ के आगे सबसे बड़ी चुनौती यहां स्थानीय स्तर पर श्रमिकों की व्यवस्था करना था, जबकि उसके आईसीयू के मेडिकल उपकरण, बेड, आक्सीजन टैंक देश के कई अलग-अलग हिस्सों से आ रहे थे। इन सबको लाकर दो आईसीयू वार्ड के 150 बेड तैयार किए गए।
अनंत कुमार शुक्ल और उनकी टीम ने रिकार्ड सात दिन के समय में आईसीयू तैयार किया, जबकि 10 दिन में यह अस्पताल पूरी तरह तैयार हो गया। वैसे तो अनंत कुमार शुक्ल ने देश के कई सेना के सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल की आईसीयू, वेंटिलेटर के साथ आक्सीजन पाइप लाइन और हेल्थ के रियल टाइम मानीटरिंग सिस्टम पर काम किया है, लेकिन उनके लिए अवध शिल्प ग्राम में कोविड अस्पताल बनाने का प्रोजेक्ट यादगार है।
कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर कर रहे काम
अनंत कुमार शुक्ल गुलमर्ग में केबल-वे के दूसरे चरण की प्लानिंग व डिजाइन, रोहतांग टनल और बनिहाल टनल में एवलांच कन्ट्रोल सिस्टम, मनाली-लेह हाईवे पर स्नो गैलरी और भारत पाकिस्तान व चीन सीमा पर डीआरडीओ के कई प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं।