डा.आम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर सीएम योगी आदित्यनाथ बोले-कुछ लोगों ने संविधान का गला घोंटा

Dr Ambedkar Death Anniversary मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखनऊ में 66वें महापरिनिर्वाण दिवस पर डा. भीमराव आम्बेडकर की विशेष श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने डा. आम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि के बाद सभा को संबोधित किया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 12:18 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 01:26 PM (IST)
डा.आम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर सीएम योगी आदित्यनाथ बोले-कुछ लोगों ने संविधान का गला घोंटा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ में 66वें महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ. भीमराव आम्बेडकर की विशेष श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए।

लखनऊ, जेएनएन। भारत के संविधान प्रारूप समिति के मुखिया भारत रत्न बाबा साहब डा. भीमराव आम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखनऊ में आम्बेडकर महासभा के कार्यालय में उनको नमन किया। सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ इस दौरान श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य व विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक बाबा साहब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को लखनऊ में 66वें महापरिनिर्वाण दिवस पर डा.. भीमराव आम्बेडकर की विशेष श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने डा. आम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि के बाद सभा को संबोधित किया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान कहा देश में कुछ लोगों ने आपातकाल के समय संविधान का गला घोंटने का प्रयास किया था और लोकतंत्र को रौंदने का काम किया था। इसके विपरीत पूरे देश ने एकजुट होकर प्रतिकार किया था। उन्होंने कहा कि देश में समता मूलक समाज को मजबूत करने का काम भाजपा ने किया है। इसी कारण डा. आम्बेडकर के स्वतंत्रता, समानता व बंधुत्व के मिशन को मजबूती मिली है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री है, जिन्होंने बाबा साहेब भीमराव आम्बेडकर की भावनाओं के अनुरुप, बिना भेद-भाव के समाज के हर तबके को सभी प्रकार की सरकारी जनकल्याणाकारी योजनाओं से जोड़ने का काम किया। उनके निर्देश पर बाबा साहब आम्बेडकर के प्रति सम्मान का ही यह भाव है कि आज 26 नवंबर को पूरा देश उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए संविधान दिवस के रूप में इस दिन को मनाता है।

उन्होंने कहा कि हम सभी को बाबा साहब के योगदान को याद करते हुए जानना होगा कि किसी राजनीतिक दल पर एक परिवार का कब्जा होना, अलोकतांत्रिक है। वंशानुगत रूप से किसी दल का अध्यक्ष बनना तो लोकतंत्र के खिलाफ है। वंशवादी दलों की कार्यशैली भी लोकतांत्रिक नहीं हो सकती। सपा-बसपा-कांग्रेस तीनों इसके जीवंत उदाहरण हैं।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने बाबा साहब पर रिसर्च करने वालों को आर्थिक मदद भी दी है। पहले दलितों की जमीन पर कब्जा होता था। अब ऐसा नहीं है, खाली जगह पर उनको पट्टा देने के साथ ही मुफ्त आवास की भी सुविधा दी जा रही है। हमने प्रदेश भर में जहां भी माफिया के कब्जे से अवैध भूमि को खाली कराया है, वहां पर गरीबों के लिए आवास बनाने का काम भी शुरू कर रहे हैं।  

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