Green Corridor in Lucknow: ग्रीन कारिडोर का डीपीआर अभी तक तैयार नहीं, अब 30 अगस्त को होगा प्रजेंटेशन

Green Corridor in Lucknow ग्रीन कारिडोर का डीपीआर का प्रजेंटशन 18 अगस्त को होना था लेकिन निजी एजेंसी द्वारा 30 अगस्त तक समय मांगा गया है। अब टाटा कंसलटेंट एजेंसी द्वारा 30 अगस्त को पूरी तैयारी के साथ प्रस्तुत होने के निर्देश दिए गए हैं।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Thu, 19 Aug 2021 06:01 PM (IST) Updated:Thu, 19 Aug 2021 06:01 PM (IST)
Green Corridor in Lucknow: ग्रीन कारिडोर का डीपीआर अभी तक तैयार नहीं, अब 30 अगस्त को होगा प्रजेंटेशन
LDA के मुताबिक, ग्रीन कारिडोर के लिए अक्टूबर 2021 से जमीन पर काम शुरू करने की योजना है।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। ग्रीन कारिडोर का डीपीआर का प्रजेंटशन 18 अगस्त को होना था, लेकिन निजी एजेंसी द्वारा 30 अगस्त तक समय मांगा गया है। अब टाटा कंसलटेंट एजेंसी द्वारा 30 अगस्त को पूरी तैयारी के साथ प्रस्तुत होने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, आइआइएम रोड से लाल ब्रिज तक रूट को लेकर पूरी जानकारी दी गई। लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि ग्रीन कारिडोर का रूट के साथ ही कंसेप्ट मोड यानी अवधारणा को लेकर पूरा प्रजेंटेशन हुआ।

वहीं जो समस्याएं आ रही हैं, उन पर भी चर्चा हुई और उन्हें चरणबद्ध तरीके से दूर करने के निर्देश दिए गए। प्रजेंटेशन के दौरान मुख्य अभियंता इन्दू शेखर सहित कई अभिंयता भी मौजूद रहे। ग्रीन कारिडोर को चार भागों में विभाजित करके बनाया जा रहा है। पहला कारिडोर आइआइएम से लाल ब्रिज तक है। यह पूरा रूट 20.76 किमी. लंबा है। उपाध्यक्ष ने बताया कि अक्टूबर 2021 से जमीन पर काम शुरू करने की योजना है। उन्होंने बताया कि कामर्शियल हब को लेकर भी स्थान चिन्हित कर लिए गए हैं। 

400 सील बिल्डिंग पर नजर रखने के निर्देशः शहर में सील बिल्डिंगों पर नजर रखने के लिए अभिंयताओं की जिम्मेदारी के साथ ही जवाबदेही तय होगी। उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि शहर में करीब 400 सील बिल्डिंग पर निगरानी को लेकर बैठक हुई। बैठक में ऐसी बिल्डिंग की मानीटरिंग की बात को लेकर चर्चा हुई। वहीं भूमाफियाओं की सूची पर अगले सप्ताह फिर से बैठक होगी। बता दें कि ऐसे भू माफियाओं जिन्हों लविप्रा व नजूल की जमीनों पर कब्जा कर रखा है, उन पर लविप्रा आगामी माह से कार्रवाई करने के मूड में है। 

बता दें कि ग्रीन कारिडोर बनने से राजधानी लखनऊ की ट्रैफिक व्यवस्था काफी सुगम होगी और शहर के मध्य गोमती नदी के दोनों तटों पर वाहनाें को सफर तय करने में शहर की तुलना में समय भी बचेगा। 

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