World Breastfeeding Week 2021: छह महीने तक शिशु को सिर्फ मां का दूध दें, मिलती है बीमारियों से लड़ने की ताकत
अकसर बच्चे को रोता देख मां को लगता है कि वह भूखा रह गया है। मां का दूध उसके लिए पर्याप्त नहीं उसे अलग से भी कुछ दिया जाना चाहिए। जबकि ऐसा नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार छह महीने तक शिशु को मां के दूध के अलावा कुछ न दें।
लखनऊ, [दुर्गा शर्मा]। अकसर बच्चे को रोता देख मां को लगता है कि वह भूखा रह गया है। मां का दूध उसके लिए पर्याप्त नहीं, उसे अलग से भी कुछ दिया जाना चाहिए। जबकि ऐसा नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार छह महीने तक शिशु को मां के दूध के अलावा कुछ न दें। मां का दूध ही उसके लिए संपूर्ण आहार है।
कुछ जरूरी बातें जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान शुरू कराएं। स्तनपान कराने वाले शिशु को ऊपर से कोई भी पेय पदार्थ या आहार न दें। मां के दूध में शिशु के लिए पौष्टिक तत्वों के साथ पर्याप्त पानी भी होता है। अत: छह महीने पूरे होने तक शिशु को मां के दूध के अलावा कुछ भी ना दें। यहां तक की गर्मियों में पानी भी न पिलाएं। रात में मां का दूध अधिक बनता है। अत: मां रात में बच्चे को अधिक से अधिक स्तनपान कराए।
मां का दूध बच्चे के लिए सर्वोत्तम पोषक तत्व है। यह बच्चे के मानसिक विकास में भी सहायक है। दस्त, निमोनिया समेत तमाम संक्रमण से बचाने के लिए मां का दूध कारगर है। मां का पहला पीला गाढ़ा दूध बच्चे के लिए अमृत समान है। -डा रेखा सचान, प्रोफेसर और आइसीयू इंचार्ज, क्वीन मेरी अस्पताल
डफरिन अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रमः डफरिन अस्पताल में विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत जागरूकता कार्यक्रम हुआ। ओपीडी में आईं महिलाओं को बताया गया कि छह माह तक बच्चे को सिर्फ मां का दूध ही पिलाया जाए। रात में बच्चे को दूध जरूर पिलाएं, क्योंकि दूध बनाने का हार्मोन (प्रोलेक्टिन) रात में अच्छा बनता है। इस मौके पर माताओं को ओआरएस का महत्व और बनाने का तरीका भी बताया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिका डा सीमा श्रीवास्तव ने की। सीएमएस डा रश्मि मिश्रा, एमएस डा सरिता सक्सेना, वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा मोहित ने स्तनपान से जुड़ीं उपयोगी बातें बताईं। कार्यक्रम का संचालन बाल रोग विशेषज्ञ डा सलमान ने किया।