UP Cabinet Decision: मेडिकल कालेजों में 70 साल की आयु तक नौकरी कर सकेंगे डाक्टर

उत्‍तर प्रदेश के सभी राजकीय व स्वशासी मेडिकल कालेजों के साथ-साथ कि‍ंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान व उप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई में कार्यरत चिकित्सा शिक्षकों को यह तोहफा दिया गया है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Fri, 29 Oct 2021 12:30 AM (IST) Updated:Fri, 29 Oct 2021 07:11 AM (IST)
UP Cabinet Decision: मेडिकल कालेजों में 70 साल की आयु तक नौकरी कर सकेंगे डाक्टर
65 साल पर रिटायर होने पर पुनर्नियुक्ति पर कर सकेंगे काम।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में अब मेडिकल कालेजों में डाक्टर 70 साल की उम्र तक नौकरी कर सकेंगे। 65 साल की उम्र पर सेवानिवृत्त होने के बाद वह पांच साल पुनर्नियुक्ति पर तैनात किए जा सकेंगे। सभी राजकीय व स्वशासी मेडिकल कालेजों के साथ-साथ कि‍ंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) , डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान व उप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई में कार्यरत चिकित्सा शिक्षकों को यह तोहफा दिया गया है। इससे प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को पूरा किया जाएगा।

मंत्रिपरिषद ने बड़े शहरों गोरखपुर, प्रयागराज, कानपुर, झांसी, मेरठ व आगरा के मेडिकल कालेजों और कि‍ंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू), डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान व उप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई के चिकित्सा शिक्षकों को अंतिम वेतन आहरण में से पेंशन को घटाते हुए मानदेय देने का फैसला किया है। वहीं छोटे शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों के मेडिकल कालेजों के लिए ज्यादा मानदेय तय किया गया है। ताकि वहां काम करने के लिए डाक्टर दिलचस्पी दिखाएं।

इसके तहत अंबेडकरनगर, बांदा, बदायूं, जालौन, कन्नौज, सहारनपुर के मेडिकल कालेजों व सभी समस्त स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों में पुनर्नियुक्ति पर रखे जाने वाले डाक्टरों को 2.20 लाख प्रतिमाह नियत पारिश्रमिक दिया जाएगा। पुनर्नियुक्ति पर भर्ती किए गए चिकित्सा शिक्षकों से प्रशासनिक कार्य नहीं लिए जाएंगे। यह प्रधानाचार्य, निदेशक, डीन, प्राक्टर व विभागाध्यक्ष के दायित्व से मुक्त रहेंगे। सिर्फ शैक्षणिक शोध व मरीजों के उपचार संबंधित कार्य करेंगे।

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