UP: रायबरेली में किशोरी से हुए दुष्कर्म मामले में अब DNA रिपोर्ट सामने लाएगी असलियत
रायबरेली गर्भवती होने पर जून में किशोरी ने दो लोगों के खिलाफ दर्ज कराया था मुकदमा। नवजात और दुष्कर्म आरोपितों का जिला अस्पताल में लिया गया सैंपल। किशोरी को प्रसव के लिए जिला अस्पताल लाया गया। चार्जशीट दाखिल कर आरोपितों को जेल भेज दिया।
रायबरेली, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के रायबरेली में किशोरी से हुए दुष्कर्म मामले में असल गुनहगार की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराया जा रहा है। इसके लिए पीड़िता के नवजात बच्चे और आरोपितों का सैंपल शुक्रवार को जिला अस्पताल में लिया गया। रिपोर्ट आने पर दुष्कर्मी की असलियत सामने आ जाएगी।
गौरतलब है ये संगीन वारदात फरवरी-मार्च 2020 की है। गांव की 16 वर्षीय किशोरी से दुष्कर्म किया गया। जब उसे गर्भ ठहर गया तो स्वजन कार्रवाई के लिए थाने पहुंचे। पहले गांव के ही शक्ति रैदास के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। बाद में किशोरी ने राघवेंद्र सिंह पर यही आरोप लगाए तो उसका नाम भी केस में शामिल कर लिया गया। सीओ ने चार्जशीट दाखिल कर आरोपितों को जेल भेज दिया।
हाल ही में किशोरी को प्रसव के लिए जिला अस्पताल लाया गया। हालत गंभीर होने पर उसको लखनऊ रेफर कर दिया गया। वहां उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। इस कारण बाराबंकी के मीम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां उसने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। जच्चा-बच्चा जब घर लौट आए तो पुलिस ने नवजात के असल पिता की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराने का निर्णय लिया। भदोखर निरीक्षक रामाशीष उपाध्याय दोनों आरोपितों को जेल से लेकर जिला अस्पताल आए। यहां उनकी सैंपलिंग कराई। नवजात का भी सैंपल लिया गया।
दुष्कर्म के मामले में पहली बार डीएनए टेस्ट
जानकारों का कहना है कि दुष्कर्म के मामले में पहली बार डीएनए रिपोर्ट का सहारा रायबरेली पुलिस ले रही है। इसके पहले ऊंचाहार में बच्चे की अदला-बदली के एक मामले में डीएनए के लिए सैंपलिंग तो हुई थी, लेकिन रिपोर्ट नहीं आई थी।