रातोंरात हीरो बन गए 98 वर्षीय चने वाले व‍िजयपाल, रायबरेली डीएम ने आफ‍िस बुलाकर क‍िया सम्‍मान‍ित

बुजुर्ग विजयपाल का डीएम ने बढ़ाया हौसला। 11 हजार की नगद धनराशि संग राशन कार्ड और शौचालय की दी स्वीकृति। सम्मानित करने के लिए सरकारी गाड़ी से वृद्ध को लाया गया डीएम ऑफिस। इंटरनेट मीडिया पर कुछ दिनों पहले उनका वीडियो वायरल हुआ।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 04:54 PM (IST) Updated:Sat, 06 Mar 2021 07:01 AM (IST)
रातोंरात हीरो बन गए 98 वर्षीय चने वाले व‍िजयपाल, रायबरेली डीएम ने आफ‍िस बुलाकर क‍िया सम्‍मान‍ित
डीएम ने गुरुवार को व‍िजयपाल को सरकारी गाड़ी से अपने कार्यालय बुलवाया।

रायबरेली, जेएनएन। दिल्ली के ढाबे वाले बाबा और आगरा की रोटी वाली अम्मा के बाद चने वाले चाचा सुर्खियों में हैं। 98 वर्ष की उम्र में खुद कमाकर खाने की लगन उनके लिए प्रेरणादायक है, जो कहते हैं कि अब कमाने-खाने की उम्र कहां, बूढ़े हो गए हैं। इंंटरनेट मीडि‍या पर इनका चने बेचते हुए वीड‍ि‍यो वायरल हुआ तो 98 वर्षीय व‍िजय पाल रातोंंरात हीरो बन गए। मामला संज्ञान में आया तो डीएम ने अपना वाहन भेजकर इन्‍हे आाफ‍िस बुलाया और सम्‍मान‍ित क‍िया। इस अवस्था में भी खुद काम करके रोजी रोटी की व्यवस्था करने की उनकी सोच की सभी ने सराहना की। 

रायबरेली जिले के हरचंद ब्लॉक के कंडौरा गांव निवासी विजयपाल सिंह उर्फ चने वाले इन दिनों इंटरनेट मीडिया में छाए हैं। उनकी मदद और सम्मान का सिलसिला भी शुरू हो चला है। मूलरूप से प्रतापगढ़ के लक्ष्मणपुर सराय मकई गांव के विजयपाल करीब 40 साल पहले हरचंदपुर आए थे। यहां किराये के मकान में रहने लगे। चाट का ठेला लगाकर जीवनयापन शुरू किया। बाद में पैतृक जमीन बेचकर कंडौरा गांव में तीन बीघा कृषियोग्य भूमि ली। उसी में मकान बनाकर रहने लगे। उनके तीन बेटों में एक की मृत्यु हो चुकी है। दो पुत्रों और एक पुत्री का विवाह हो चुका है। दिवंगत बड़े पुत्र का परिवार उन्हीं के साथ रहता है। खेती से गुजर-बसर नहीं हो पाता, इस कारण वे ठेले पर कच्चा चना बेचते हैं। इससे रोजाना जो आमदनी होती है, उससे परिवार का खर्च चलाते हैं। विजयपाल उस समय चर्चा में आ गए जब गत दिनों सदर विधायक अदिति सिंह ने उनके बारे में पोस्ट ट्््विटर पर शेयर किया और आर्थिक मदद भी की।

डीएम ने किया सम्मानित, दी आर्थिक मदद 

जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने इंटरनेट मीडिया पर चने वाले चाचा का वीडियो देखा तो गाड़ी भेजकर उन्हें कार्यालय बुलाया। सम्मान में शॉल, छड़ी और 11 हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी दी। राशन कार्ड बनवाया और शौचालय के लिए किस्त भी खाते में जमा करा दी। डीएम के हाथों सम्मानित होने के बाद विजयपाल बहुत प्रसन्न हैं। उन्होंने शुक्रवार को फिर कंडौरा में ठेला लगाया और चने बेचे। बोले डीएम ने बुलाया, बीडीओ उन्हें घर छोडने आए, इससे ज्यादा सम्मान और क्या होगा। इन सबके बावजूद अपना कर्म तो करना ही पड़ता है। उन्होंने कहा कि उम्र तो महज एक नंबर है, जज्बा कायम रहना चाहिए। 

chat bot
आपका साथी