बाराबंकी में वीडियो वायरल होने के बाद खुला भ्रष्टाचार, दीवान अनिल ही करा रहा था वसूली-निलंबित

Corruption in Police Department देवा थाने में तैनात दीवान अनिल सिंह के पास पासपोर्ट आवेदन के सत्यापन की जिम्मेदारी थी। दीवान अनिल अपनी मदद के लिए 2018 बैच की महिला सिपाही रीना से काम लेता व वसूली कराता था।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 04:09 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 06:58 AM (IST)
बाराबंकी में वीडियो वायरल होने के बाद खुला भ्रष्टाचार, दीवान अनिल ही करा रहा था वसूली-निलंबित
इसी मामले में पहले महिला सिपाही पर की जा चुकी है कार्रवाई।

बाराबंकी, संवादसूत्र। भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस का संदेश देते हुए पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने देवा थाने के दीवान अनिल सिंह को भी निलंबित कर दिया है। एक दिन पहले देवा थाने की ही एक महिला सिपाही को भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित किया गया था। यह कार्रवाई इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुए वसूली के वीडियो का संज्ञान में लेने के बाद किया गया है।

देवा थाने में तैनात दीवान अनिल सिंह के पास पासपोर्ट आवेदन के सत्यापन की जिम्मेदारी थी। दीवान अनिल अपनी मदद के लिए 2018 बैच की महिला सिपाही रीना से काम लेता व वसूली कराता था। 19 सितंबर को देवा थाना कार्यालय के वायरल हुए वीडियो में पासपोर्ट आवेदन सत्यापन के नाम पर चल रहे वसूली के खेल का राजफाश हुआ था। मामला संज्ञान में आते ही एसपी यमुना प्रसाद ने महिला सिपाही रीना को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था, जबकि दीवान अनिल सिंह की भूमिका की जांच की जा रही थी। इसी बीच दूसरी वीडियो वायरल हुई। इसमें एक अन्य युवक से अनिल दीवान भी रुपये लेकर रीना सिपाही को ही रखने के लिए देते दिख रहा है। इसके बाद पूरा मामला प्रकाश में आया कि अनिल ही रीना सिपाही से वसूली कराता था। पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने बताया कि अनिल सिंह को भी निलंबित कर दिया गया है।

कैसे बनी वीडियो : देवा थाना कार्यालय के वायरल हुए दोनों वीडियो 2:11 मिनट की हैं। यह वीडियो जिस तरफ से बनाई गई हैं उसी लोकेशन पर थाने का सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है। आशंका जताई जा रही है कि यह फुटेज इसी कैमरे के हैं, लेकिन इसका डीबीआर मुख्यालय पर रहता है और थाने से वीडियो निकाला ही नहीं जा सकता। ऐसे में वीडियो कैसे बनीं यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है।

साजिश तो नहीं : चर्चा यह भी है कि अनिल सिंह से पहले इस सीट पर दूसरे दीवान की तैनाती थी। थाने का निजाम बदलने पर अनिल अधिक प्रभावी हो गए। इसी के चलते साजिशन इस भ्रष्टाचार को इंटरनेट मीडिया के जरिए वायरल किया गया।

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