श्रीराम जन्मभूमि सहित संपूर्ण अयोध्या के विकास पर मंथन, नृपेंद्र मिश्र की मौजूदगी में विजन डाक्यूमेंट का प्रेजेंटेशन

रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने स्पष्ट किया कि 70 एकड़ के रामजन्मभूमि परिसर के अंदर एवं बाहर संपूर्ण अयोध्या के विकास में तालमेल होना जरूरी है और यह तभी संभव है जब हम एक-दूसरे के विचार को जानें।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 09:05 PM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 09:05 PM (IST)
श्रीराम जन्मभूमि सहित संपूर्ण अयोध्या के विकास पर मंथन, नृपेंद्र मिश्र की मौजूदगी में विजन डाक्यूमेंट का प्रेजेंटेशन
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने अयोध्या सर्किट हाउस में बैठक की।

अयोध्या, जेएनएन। श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण की तैयारियों में लगे लोगों की चिंता संपूर्ण रामनगरी के विकास की है और वे चाहते हैं कि मंदिर निर्माण के साथ राम जन्मभूमि परिसर और रामनगरी का समन्वित विकास हो तथा विकास के आयाम परस्पर पूरक बन कर रामनगरी की सांस्कृतिक विरासत से न्याय करने वाले हों। यह आकांक्षा शुक्रवार को तब फलीभूत होती दिखी, जब राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष एवं पीएमओ सहित अनेक महत्वपूर्ण पदों पर रहे सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी नृपेंद्र मिश्र ने सर्किट हाउस में बैठक की।

बैठक में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेव गिरि, ट्रस्ट के सदस्य एवं अयोध्या राजपरिवार के मुखिया बिमलेंद्रमोहन मिश्र, एक अन्य ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र सहित मंडलायुक्त एमपी अग्रवाल, जिलाधिकारी अनुजकुमार झा तथा मंदिर निर्माण की कार्यदायी संस्था एलएंडटी एवं टाटा कंसल्टेंट इंजीनियर्स के विशेषज्ञों के अलावा रामनगरी के समग्र विकास के लिए विजन डाक्यूमेंट तैयार कर रही अंतरराष्ट्रीय ख्याति की संस्था ली एसोसिएट साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड एवं सीपी कुकरेजा आर्किटेक्टस के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

इस दौरान ली एसोसिएट साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड एवं सीपी कुकरेजा आर्किटेक्ट्स के प्रतिनिधियों ने अयोध्या की प्रस्तावित विकास योजना का प्रजेंटेशन भी किया। प्रजेंटेशन मंदिर निर्माण से जुड़े लोगों को आह्लादित करने वाला रहा। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा भी कि अयोध्या श्रीराम की सांस्कृतिक गरिमा के अनुरूप किस तरह विकसित होगी, यह देखना अपूर्व आनंद का अनुभव कराने वाला था।

परिसर के अंदर एवं बाहर के विकास में तालमेल जरूरी : रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने स्पष्ट किया कि 70 एकड़ के रामजन्मभूमि परिसर के अंदर एवं बाहर संपूर्ण अयोध्या के विकास में तालमेल होना जरूरी है और यह तभी संभव है, जब हम एक-दूसरे के विचार को जानें।

निर्माण समिति के अध्यक्ष की मौजूदगी में समीक्षा : राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र चार दिवसीय दौरे पर बुधवार को ही रामनगरी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने रामजन्मभूमि परिसर सहित रामनगरी का भ्रमण करने के साथ कई बैठकों के माध्यम से मंदिर निर्माण की प्रगति एवं अयोध्या के विकास की योजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान तय किया गया कि मंदिर निर्माण की प्रक्रिया तय करने के लिए कार्यदायी संस्था एलएंडटी, टाटा कंसल्टेंट इंजीनियर्स और आईआईटी चेन्नई के आधुनिक वास्तुविदों के साथ पारंपरिक वास्तु शास्त्र के दिग्गज विद्वान पद्मभूषण डॉ. नागस्वामी और चेन्नई के एन सुब्रमण्यम की भी सलाह ली जाएगी।

साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि मंदिर निर्माण के लिए नींव की मिट्टी हटाए जाने का कार्य 60 प्रतिशत पूरा हो चुका है। कहीं-कहीं अपेक्षित 12 मीटर की गहराई तक खोदाई भी हो चुकी है। निकट भविष्य में इस मिट्टी की जांच के साथ नींव की भराई के लिए इंजीनियर्ड फिल्ड मैटेरियल का कंपोजीशन भी तय कर लिया जाएगा और मिट्टी की जांच तथा इसी कंपोजीशन के हिसाब से नींव की भराई होगी।

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