UP Coronavirus News: तीसरी लहर रोकने को अगले 15 दिन महत्वपूर्ण, SGPGI के निदेशक ने बताई यह खास बात
संक्रमितों व मौतों की संख्या में भारी कमी आई है। इस लिहाज से विशेषज्ञ तीसरी लहर रोकने के लिए अगले 15 दिन को बेहद महत्वपूर्ण मानकर चल रहे हैं। एसजीपीजीआइ के निदेशक डा. आरके धीमन का कहना है कि मौजूदा स्थिति बहुत नियंत्रण में है।
लखनऊ, [धर्मेन्द्र मिश्रा]। राजधानी समेत पूरे प्रदेश व देश में इन दिनों कोरोना के नए मामले काफी कम हो गए हैंं। तीसरी लहर के लिए घातक माने जा रहे डेल्टा प्लस वायरस के मामले भी बहुत अधिक रिपोर्ट नहीं हुए हैं। यूपी की देश में सबसे बेहतर स्थिति है। अभी तक यहां सिर्फ दो मामले डेल्टा प्लस के संंज्ञान में आए हैं। बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की हाईवे, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन व एक्सप्रेस-वे पर कोरोना जांच और निगरानी बढ़ा दी गई है। टीकाकरण तेजी से हो रहा है। सोमवार को एक ही दिन में देश में 30 लाख 85 हजार से अधिक जबकि यूपी में पांच लाख 88 हजार से अधिक लोगों को टीका लगाया गया।
संक्रमितों व मौतों की संख्या में भारी कमी आई है। इस लिहाज से विशेषज्ञ तीसरी लहर रोकने के लिए अगले 15 दिन को बेहद महत्वपूर्ण मानकर चल रहे हैं। एसजीपीजीआइ के निदेशक डा. आरके धीमन का कहना है कि मौजूदा स्थिति बहुत नियंत्रण में है। विशेषकर यूपी की स्थिति देश के अन्य राज्यों से बेहतर है। यहां बाहरी राज्यों से आने वाले एक-एक व्यक्ति की कोरोना जांच कराई जा रही है। वैक्सीनेशन भी ठीक चल रहा है। यह स्थिति अगले 15 दिन बनी रही तो तीसरी लहर अभी दूर रहेगी।
हर्ड इम्युनिटी आएगी काम : डा. धीमन के अनुसार कोरोना के खिलाफ दो तरह की इम्युनिटी होती है। एक तो नेचुरली एक्वायर्ड इंफेक्शन यानि प्राकृतिक रूप से संक्रमण होने पर व दूसरी कोविड वैक्सीनेशन से। पहली व दूसरी लहर में देश में अधिसंख्य लोग हर्ड इम्युनिटी प्राप्त कर चुके हैं। अब वैक्सीनेशन उनकी सुरक्षा को और मजबूत कर रहा है, इसलिए हर्ड इम्युनिटी भी तीसरी लहर के प्रभाव को कम करने के काम आएगी।
15 दिन में तय होगा स्वरूप : लोहिया संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डा. विक्रम सिंह का कहना है कि जो स्थिति अभी चल रही है, वह भी 15 दिन तक स्थिर रही तो फिर तीसरी लहर की संभावना काफी कम होगी। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन, हर्ड इम्युनिटी व कोविड अनुरूप से ही स्थिति नियंत्रण में है। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मैथमेटिकल साइंस, चेन्नई के विशेषज्ञों के अनुसार वायरस की आर (रिप्रोडक्टिव) दर यदि एक से नीचे रहती है तो वह नई चेन नहीं बना पाता। इस दौरान केरल और महाराष्ट्र को छोड़कर देश में आर दर एक से नीचे चल रही है।