डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा का राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को निर्देश- लागू करें समान पाठ्यक्रम

यूपी के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय व डिग्री कालेजों में नए शैक्षिक सत्र 2021-22 से न्यूनतम एक समान पाठ्यक्रम लागू किया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय व डिग्री कालेजों मेंतय समय सीमा में ही 15 अगस्त तक इम्तिहान कराएं।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 08:30 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 09:55 AM (IST)
डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा का राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को निर्देश- लागू करें समान पाठ्यक्रम
डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा का कुलपतियों को निर्देश दिया कि नए शैक्षिक सत्र सें समान पाठ्यक्रम लागू करें।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय व डिग्री कालेजों में नए शैक्षिक सत्र 2021-22 से प्राथमिकता के आधार पर न्यूनतम एक समान पाठ्यक्रम लागू किया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय व डिग्री कालेजों मेंतय समय सीमा में ही 15 अगस्त तक इम्तिहान कराएं।

डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ नए शैक्षिक सत्र की तैयारियों को लेकर आयोजित बैठक में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा तय परीक्षा के कैलेंडर के अनुसार ही स्नातक व परास्नातक अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षाएं 15 अगस्त तक कराने और अगस्त के अंतिम सप्ताह तक परिणाम घोषित करने के निर्देश दिए। कोरोना से बचाव के जरूरी उपायों के साथ परीक्षा सिर्फ डेढ़ घंटे की ही कराई जाए। वहीं 13 सितंबर से नए शैक्षिक सत्र शुरू किया जाए।

डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कोरोना महामारी व संचारी रोगों को देखते हुए विश्वविद्यालय बायोटेक्नोलाजी, बायोकेमेस्ट्री, नर्सिंग व फार्मेसी आदि के नए कोर्स शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले शिक्षकों व कर्मियों के लंबित भुगतान शीघ्र किया जाए व मृतक आश्रित को तत्काल नौकरी दी जाए। डिग्री कालेजों को आनलाइन संबद्धता देने के लिए जुलाई में एनओसी जारी करने और सेंटर आफ एक्सीलेंस योजना के तहत विश्वविद्यालयों में खर्च की गई धनराशि का ब्योरा भी लिया गया।

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों में नए सत्र से 70 प्रतिशत कोर्स एक समान पढ़ाया जाएगा और 30 प्रतिशत कोर्स विश्वविद्यालय अपने स्तर पर तय करेंगे। इसमें स्थानीय इतिहास, कला व संस्कृति इत्यादि को शामिल करेंगे। लखनऊ विश्वविद्यालय सहित कुछ विश्वविद्यालयों के शिक्षक एक समान पाठ्यक्रम लागू करने का विरोध कर रहे हैं।

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