रहें सावधान! 'सैडल बैक' फीवर में छुपा हो सकता डेंगू Lucknow News
लखनऊ दैनिक जागरण के कार्यक्रम हेलो डॉक्टर में केजीएमयू के डॉ डी हिमांशू मौजूद रहे।
लखनऊ, जेएनएन। अमूमन डेंगू में लगातार तेज बुखार रहता है। वहीं सैडल फीवर में भी डेंगू छुपा हो सकता है। इसमें मरीज में बुखार आकर राहत मिल जाती है। वहीं एक-दो दिन बाद व्यक्ति को फिर तेज बुखार गिरफ्त में ले लेता है। लिहाजा, डेंगू-मलेरिया के मौसम में सतर्क रहना होगा। केजीएमयू के डॉ. डी हिमांशु गुरुवार को दैनिक जागरण कार्यालय में मौजूद रहे। उन्होंने पाठकों को मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के उपाय बताए।
सवाल : घर में दो वर्ष पहले डेंगू से मौत हो चुकी है। अब अन्य लोग इससे कैसे बचें।
- प्रदीप, काकोरी
जवाब : घर में मच्छरजनित कारकों को नष्ट करें। मच्छरदानी लगाकर सोएं। पूरे आस्तीन के कपड़े पहनें। तेज बुखार आने पर सतर्क हो जाएं।
सवाल : जिसका डेंगू का इलाज हो चुका है, क्या वह दूसरे मरीज को खून दे सकता है।
- देवेश पांडेय, श्रावस्ती
जवाब : कोई भी बीमारी होने पर व्यक्ति तीन माह तक खून नहीं दे सकता है। इसके बाद वह रक्तदान कर सकता है।
सवाल : डेंगू से बचाव कैसे कर सकते हैं, कोई उपाय बताएं।
- वीरेंद्र, ऊंचाहार, अरुण कुमार, नानपारा, अजय, गोंडा
जवाब : घर व आसपास मच्छर न पनपने दें। इसके लिए साफ-सफाई का ध्यान रखें। गमलों, कूलर में पानी न भरा रहने दें। लार्वा का साइकिल सात दिन का होता है। समय-समय पर कूलर का पानी बदलें।
सवाल : चार दिन से बुखार है। शरीर भारी लग रहा है।
- अरुण कुमार, डालीगंज
जवाब : चार दिन से अधिक बुखार हो गया है तो ब्लड टेस्ट करा लें। अभी सिर्फ पैरासीटामॉल लें। रिपोर्ट आने पर ही एंटीबायोटिक का सेवन करें।
सवाल : डेंगू के लक्षण क्या हैं, कैसे समझें।
- मुरली मनोहर, लखनऊ
जवाब : तेज बुखार लगातार बना रहे। आंखों के आसपास दर्द हो, जोड़ों व बदन दर्द, पेट दर्द, उल्टी व शरीर पर चकत्ते पड़े तो सतर्क हो जाएं। यह डेंगू के प्रमुख लक्षण हैं।
सवाल : चार दिन से खांसी-जुकाम है। दवा ली है, मगर राहत नहीं मिली है।
- रीतेश मिश्रा, सुलतानपुर
जवाब : यह श्वासनली के ऊपर का इंफेक्शन है। सात दिन तक पैरासीटामॉल लें। बुखार से राहत मिलेगी। साथ ही भाप लें और गरारा करें।
सवाल : 15 माह का बेटा है। बार-बार बुखार आता है और कान के आसपास गिल्टी पड़ जाती है।
- श्लोक, हरदोई
जवाब : बेटे में यह सामान्य बुखार नहीं है। टीबी भी हो सकती है। ऐसे में बाल रोग विभाग में दिखाकर जांच कराएं।
सवाल : डेंगू के प्रमुख लक्षण क्या हैं।
- गोपाल मेहरोत्रा, लखनऊ
जवाब : तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, आंख के आसपास दर्द प्रमुख लक्षण हैं। वहीं बुखार आने पर शरीर में पानी की मात्रा कम न होने दें।
सवाल : डेंगू के समय खाने में क्या ध्यान रखा जाए।
- शैलेंद्र, लखनऊ
जवाब : गरिष्ठ व तैलीय खाद्य पदार्थ न खाएं। सुपाच्य भोजन थोड़ा-थोड़ा कर कई बार में लें। पानी ढाई से तीन लीटर पीएं।
सवाल : तीन वर्ष की पोती है। कुछ खाती नहीं है, वजन कम हो गया है।
- बलवंत राय, लखनऊ
जवाब : बच्ची का वजन कम है। एक बार उसे बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाएं। उसकी जांच कराएं।
डेंगू के डेंजर साइन व्यक्ति का बुखार 102 से 104 लगातार बना रहना। उल्टियां होने लगे। पेट दर्द, शरीर पर चकत्ते व रक्तस्राव होना। डेंगू शॉक सिंड्रोम है घातक मरीज के शरीर की छोटी रक्त नलिकाओं (कैपलरी लीक) से लीकेज होने लगता है। ऐसे में फ्ल्यूड पेट व फेफड़े की प्ल्यूरा में इकट्ठा हो जाता है। ऐसे में बीपी डाउन हो जाता है। व्यक्ति शॉक में चला जाता है। इससे डेंगू शॉक सिंड्रोम कहते हैं। वहीं शरीर के अन्य अंगों से रक्तस्राव होने पर डेंगू हेमरेजिक फीवर हो जाता है। यह भी मरीज के लिए जानलेवा हो जाता है। डेंगू-मलेरिया के साइड इफेक्ट डेंगू से लिवर, ब्रेन पर असर हो होता है। इसके अलावा पैरालिसिस व पैंक्रियाटाइटिस भी हो सकता है। वहीं मलेरिया में फैल्सीपैरम पैरासाइट्स 24-24 घंटे पर अटैक करता है। वहीं वाई बैक्स पैरासाइट्स 48 घंटे पर अटैक करता है। इससे बुखार के अलावा पीलिया से लिवर पर इफेक्ट, सेरेब्रल मलेरिया से मस्तिष्क पर असर व गुर्दा भी प्रभावित होता है।
कब कराएं टेस्ट
95 फीसद व्यक्ति में वायरल फीवर ही होता है। वह सिर्फ पैरासीटामॉल लेकर आराम करें। तीन दिन तक बुखार मापते रहें। कम न होने पर ब्लड टेस्ट कराएं। पहले डेंगू का एनएस1 टेस्ट कराएं। पकड़ में बीमारी न आने पर पांच दिन बाद आइजीएम एलाइजा जांच कराएं। बिना टेस्ट कराएं एंटीबायोटिक न लें।
डेंगू के लक्षण डेंगू एडिज एजिप्टाई मच्छर काटने से होता है इसमें तेज बुखार, बदन दर्द, जोड़ों में दर्द व शरीर पर चकत्ते पड़ जाते हैं। दांत, मुंह, नाक से खून भी आने लगता है प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं डेंगू डायबटीज, कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों के लिए अधिक खतरनाक हो जाता है।
मलेरिया के लक्षण यह मादा एनाफिलीज मच्छर काटने से होता है। जाड़े व कंपन के साथ बुखार आना तेज बुखार, सिर दर्द व उल्टी होना बुखार उतरने पर पसीना निकलना थकावट व कमजोरी महसूस होना। बचाव के उपाय घरों की छातों पर टायर और पुराने बर्तनों में जलभराव न होने दें कूलर आदि का पानी समय-समय पर बदलते रहें घर के बगल में गड्ढों व खाली प्लॉटों में जलभराव न होने दें पास में जलभराव होने पर जले हुए मोबिल, मिट्टी के तेल की कुछ मात्रा डाल दें सोते समय मच्छर दानी का प्रयोग करें घर में पूरी बांह के कपड़े पहनें बुखार कम न होने पर निकटतम अस्पताल पहुंचे चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार रक्त संबंधी जाचं कराएं।