लखनऊ में राज्यपाल से मिले सराफा कारोबारी, हॉलमार्किंग व्यवस्था लागू किए जाने की तिथि बढ़ाने की मांग

आल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि प्रदेश के 75 जिलों में से केवल 19 शहरों में हैं हाॅलमार्किग सेंटर हैं। तीन माह में ज्वेलर्स अपने पुराने स्टॉक को हालमार्क नहीं करा पाएगा। वजह उन सेंटरों में जरूरत के मुताबिक क्षमता ही नहीं है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 10:24 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 08:59 AM (IST)
लखनऊ में राज्यपाल से मिले सराफा कारोबारी, हॉलमार्किंग व्यवस्था लागू किए जाने की तिथि बढ़ाने की मांग
राज्‍यपाल से मुलाकात करते लखनऊ के सराफा कारोबारी

लखनऊ, जेएनएन। आल इंडिाया ज्वेलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन (AIJGF) का एक प्रतिनिधि मंडल संगठन के राष्ट्रीय सचिव पंकज अरोरा के नेतृत्व में उत्‍तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से राजभवन में मिला और 16 जून से लागू किए जा रहे हॉलमार्किंग कानून की विसंगतियों से अवगत कराया। व्यापारियों ने इस कानून की अनिवार्यता तिथि को आगे बढ़ाने की मांग की।

व्‍यापारियों के प्रतिनिधि मंडल में राष्ट्रीय सचिव राजीव रस्तोगी, अशोक वाजपेयी, मणीन्द्र सोनी, विनोद माहेश्वरी उपस्थित रहे। सराफा कारोबारी विनोद महेश्वरी ने बताया कि राज्यपाल ने पूरी बात मंत्रालय तक पहुंचाए जाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि हॉलमार्क व्यवस्था लागू कराने के लिए अभी पर्याप्त तैयारियां नहीं हैं। प्रदेश के 80 प्रतिशत जिलों में अभी हॉलमार्किंग सेंटर ही नहीं हैं। ऐसे में आभूषणों में हॉलमार्किंग कराने के लिए 100 से 300 किलोमीटर दूर जिलों में जाना पड़ेगा जो सुरक्षा की दृष्टि से उचित नहीं है। यही नहीं व्यापारियों के पास जो पुराना स्टॉक रखा है उसको भी हॉलमार्किंग कराना है। इसके लिए पर्याप्त वक्त दिया जाना चाहिए। संगठन ने हॉलमार्किंग कानून में कैरेट की मान्यता और विसंगतियों के संबंध में भारतीय मानक ब्यूरो के साथ कई बार चर्चा की, लेकिन अभी तक विभाग ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। इसकी आड़ में व्यापारियों को तंग किया जा सकता है।

राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि अभी तक प्रदेश के 75 जिलों में से केवल 19 शहरों में हैं हाॅलमार्किग सेंटर हैं। तीन माह में ज्वेलर्स अपने पुराने स्टॉक को हालमार्क नहीं करा पाएगा। वजह उन सेंटरों में जरूरत के मुताबिक क्षमता ही नहीं है। उत्तर प्रदेश के 50 हजार से ज्यादा सराफा कारोबारी अपना पुराना स्टॉक हालमार्क कराने के लिए शहरों की ओर निकल पड़े तो टनों गोल्ड सड़क पर होगा। इससे लूटपाट, डकैती जैसे अपराधों की प्रबल आशंका बनेगी।

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