किशोरों में MDR टीबी को मात देगी Delamanid, स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की नई दवा

किशोरों में बिगड़ी हुई टीबी यानी मल्टीड्रग रेजिस्टेंस टीबी(एमडीआर) के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग ने डेलामानिड दवा की डोज देना शुरू कर दिया है। यह दवा छह वर्ष से 18 वर्ष तक के किशोरों में दी जा रही है।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 03:16 PM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 03:16 PM (IST)
किशोरों में MDR टीबी को मात देगी Delamanid, स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की नई दवा
उत्‍तर प्रदेश में एमडीआर टीबी मरीजों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की नई दवा।

लखनऊ, जेएनएन। किशोरों में बिगड़ी हुई टीबी यानी मल्टीड्रग रेजिस्टेंस टीबी(एमडीआर) के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग ने डेलामानिड दवा की डोज देना शुरू कर दिया है। यह दवा छह वर्ष से 18 वर्ष तक के किशोरों में दी जा रही है। दवा की खुराक देने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने इसमें दो ग्रुप बनाया है। पहले वर्ग में छह से 11 वर्ष व दूसरे वर्ग में 12 से 18 वर्ष तक के किशोरों को रखा गया है। इन मरीजों को दी जाने वाली डेलामानिड दवा की डोज भी अलग-अलग है।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ अमित चौधरी ने बताया कि एमडीआर टीबी एक ऐसी स्थिति है, जिसमें सामान्य क्षयरोगियों को दी जाने वाली दवा काम नहीं करती। जब कोई मरीज अपनी दवाओं को नियमित तौर पर नहीं खाता या किसी ऐसे डॉक्टर से दवाएं लेता है जो अनुभवी नहीं है। ऐसे डॉक्टरों द्वारा कई बार गलत दवाएं परामर्श के तौर पर दे दी जाती हैं। ऐसे में एमडीआर टीबी होने की आशंका प्रबल हो जाती है। ऐसे मरीजों का इलाज दो साल से भी अधिक समय तक चल सकता है। जबकि राजधानी में ऐसे मरीजों के लिए अब नई दवा शुरू की गई है। इसमें किशोरों को डेलामानिड और वयस्कों को बेडाक्विलिन की डोज दी जा रही है। इससे मरीज जल्दी ठीक हो सकता है। उन्होंने बताया कि डेलामानिड दवा को अभी नवंबर से ही शुरू किया गया है। जबकि वयस्कों को बेडाक्विलिन 2018 से ही दी जा रही है। अब तक करीब ढाई सौ मरीजों को राजधानी में इसकी डोज दी जा चुकी है।

ऐसे दी जाती है डोज: डॉ अमित चौधरी ने बताया छह से 11 वर्ष की उम्र वाले बच्चों को डेलामानिड 50 एमजी की सुबह-शाम दो खुराक छह माह तक व 12 से 18 वर्ष तक के बच्चों को 200 एमजी की सुबह शाम दो खुराक छह माह तक दी जाती है। उन्होंने बताया कि शुरुआती तौर पर राजधानी के सात बच्चों को डेलामानिड की खुराक दी जा रही है। एमडीआर पीड़ित अन्य किशोर रोगियों को भी यह दवा देने के लिए टीम कार्य कर रही है। 

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