अपने गृह राज्य में ही सेना कैंटीन से शराब खरीद सकेंगे पूर्व सैनिक, रक्षा मंत्रालय ने जारी किए आदेश

रक्षा मंत्रालय के इंटीग्रेटेड मुख्यालय ने सेवारत जवान और पूर्व सैनिकों को ग्रासरी और शराब की बिक्री के लिए नए नियम लागू कर दिए हैं। यूपी में एक्साइज ड्यूटी अधिक होने से यहां उत्तराखंड सहित कई राज्यों में मिलने वाली सेना की कैंटीनों की शराब अधिक महंगी होती है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 06:03 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 02:59 PM (IST)
अपने गृह राज्य में ही सेना कैंटीन से शराब खरीद सकेंगे पूर्व सैनिक, रक्षा मंत्रालय ने जारी किए आदेश
सैन्य स्टेशन मुख्यालय में दर्ज करानी होगी अपनी यूआरसी

लखनऊ, [निशांत यादव]। शराब पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी के प्रतिबंध के दायरे में अब पूर्व सैनिक भी आ गए हैं। अब पूर्व सैनिक अपने ही गृह राज्य की यूनिट रन कैंटीनों में शराब खरीद सकेंगे। उनको अब साल में केवल एक माह का ही शराब का कोटा दूसरे राज्य की यूनिट रन कैंटीन से मिलेगा। रक्षा मंत्रालय के इंटीग्रेटेड मुख्यालय ने सेवारत जवान और पूर्व सैनिकों को ग्रासरी और शराब की बिक्री के लिए नए नियम लागू कर दिए हैं।

दरअसल हर राज्य में शराब पर एक्साइज ड्यूटी अलग होती है। यूपी में एक्साइज ड्यूटी अधिक होने से यहां उत्तराखंड सहित कई राज्यों में मिलने वाली सेना की कैंटीनों की शराब अधिक महंगी होती है। अब तक पूर्व सैनिक अपने स्मार्ट सीएसडी कार्ड से दूसरे राज्यों में यूनिट रन कैंटीन से कम दर पर शराब और ग्रासरी सामान की खरीद आसानी से कर लेते थे। हालांकि इससे यूनिट रन कैंटीनों में घरेलू सामान और शराब की अचानक मांग बढ़ने से इसकी कमी भी हो जाती थी। अधिकांश कैंटीन दो सप्ताह में ही खाली पड़ जाती थी।

सेना के इंटीग्रेटेड हेडक्वार्टर के क्वार्टर मास्टर जनरल ब्रांच ने यूनिट रन कैंटीन में सामान की उपलब्धता बनाए रखने और राज्यों की एक्साइज ड्यूटी की असमानता को देखते हुए नया आदेश दिया है। जिसके तहत पूर्व सैनिकों को घरेलू सामान व शराब की खरीद के लिए अपने गृह राज्य की यूनिट रन कैंटीन का चयन कर इसकी सूचना सैन्य स्टेशन मुख्यालय को देनी होगी।

यह यूनिट रन कैंटीन पूर्व सैनिकों की संख्या के आधार पर सामान व शराब की डिमांड सीएसडी को भेजेंगी। अपने परिवार से मिलने या अन्य कार्य से दूसरे राज्य जाने वाले पूर्व सैनिक साल में एक माह का शराब का कोटा वहां से हासिल कर सकेंगे। यदि पूर्व सैनिक दूसरे राज्य में अपना नया पता बदलते हैं या लंबे समय में वह दूसरे राज्य में रहते हैं तो स्टेशन मुख्यालय को इसका प्रार्थना पत्र देना होगा। जिसमें उनको अपनी तय यूनिट रन कैंटीन को बदलने की अनुमति लेना होगा।

chat bot
आपका साथी