Parivartan Mahakumbh : रक्षामंत्री राजनाथ बोले, महापाप है धर्मांतरण-जनजागरण ही इसको रोकेगा
लखनऊ में तीन दिवसीय आयोजित परिवर्तन महाकुंभ का समापन कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह।
लखनऊ, जेएनएन। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि लालच और डरा धमका कर किसी का धर्म परिवर्तन करवा देना महापाप है। इसको कानून और सख्ती के जरिए रोकना आसान नहीं है। रोकने के लिए एकल अभियान जैसे जनजागरण अभियान ही कुछ कर सकते हैं। नक्सली आतंकवाद प्रभावित और सीमावर्ती इलाकों में एकल विद्यालय काम कर रहे हैं। जिससे धर्मांतरण को रोका जा रहा है। एकल अभियान परिवर्तन महाकुंभ 2020 का समापन मंगलवार को हुआ। लोहिया विधि विश्विद्यालय के आम्बेडकर सभागार में केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, प्रख्यात कथावाचक रमेश भाई ओझा और राष्ट्रीय स्वयं संघ के सह संचालक कृष्ण गोपाल की मौजूदगी में ये समापन समारोह आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में महापौर संयुक्ता भाटिया भी मौजूद रहीं। राजनाथ सिंह ने कहा कि एकल अभियान से राष्ट्र उत्थान हो रहा है। आप लखनऊ में हैं और मैं यहां का सांसद हूं इसलिए मुझे यहां आना जरूरी था। मैं सबका यहां अभिनंदन करता हूं। एकल अभियान से देश की बहुत बड़ी सेवा हो रही है। मैं पहले दिन से होता तो और अधिक गहराई से समझ पाता है। उन्होंने कहा कि यहां मेरा विश्वास पक्का हुआ कि अकेला चना भाड़ फोड़ सकता है। बिना वेतन प्राप्त किए लगातार काम करना बड़ी बात है।
गांव आदिवासी और वनवासी इलाकों में रहना बहुत कठिन तपस्या है। नक्सली इलाकों में बड़े बड़े दिलेर लोगों की हिम्मत जाने की नहीं होती है। आप एकल अभियान वहां भी चला रहे हैं। हमारे देश के पीएम डिजिटलाइजेशन करना चाहते हैं जिसके लिए शब्द ज्ञान आवश्यक है। एक लाख एकल विद्यालय हैं और 28 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं। ये महान बात है। आप जगह काम करते हैं वहां धर्मांतरण का संकट है। जो जिस धर्म का पालन कर रहा है उसे आजादी है। अगर प्रलोभन और डरा कर धर्म परिवर्तन करवाने वाले महापाप कर रहे हैं। ये अभियान ही धर्मांतरण रोक पाएगा। बहुत सारी विदेश ताकतें हमको तोडऩा चाहते हैं क्योंकि हम विश्व गुरु बन जाएंगे। भारत इसलिए विश्व गुरु बनना चाहता है हम लोगों को डराना नहीं चाहते हैं।
भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए
रक्षा मंत्री ने कहा कि नये भारत का निर्माण शिक्षा से ही संभव है। 2022 तक नए भारत के निर्माण में भी आप (एकल अभियान) भूमिका निभा रहे हैं। ज्ञान से ही महान नहीं होता है। ज्ञान के साथ संस्कार भी जरूरी हैं। रावण तो अधिक ज्ञानी और बलवान था। मृत्यु पर विजय भी प्राप्त की थी, लेकिन पूजा भगवान राम की होती है। अंतर संस्कार और चरित्र का है। भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए संस्कारित भी होना पड़ेगा। एकल अभियान के जरिए ये काम किया जा रहा है।
राजनाथ ने कहा कि अब मैं बात करूंगा कि हम राजनैतिक लोग कैसे योगदान कर सकते हैं? ये भी सोचना होगा। मैं इस पर काम करूंगा। हमारे देश के पीएम डिजिटलाइजेशन करना चाहते हैं। जिसके लिए शब्द-ज्ञान आवश्यक है। एक लाख विद्यालय हैं और 28 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं। यह महान बात है। आप जहां काम करते हैं, वहां धर्मांतरण का संकट है। जो जिस धर्म का पालन कर रहा है उसे आजादी है। मगर प्रलोभन और डराकर धर्म परिवर्तन करवाने वाले महापाप कर रहे हैं। ये अभियान ही धर्मांतरण रोक पाएगा। बहुत सारी विदेश ताकतें हमें तोड़ना चाहती हैं। भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए शिक्षा और संस्कार बहुत जरूरी हैं।
सीमा पर सैनिक के काम सा महत्वपूर्ण काम शिक्षण
रमेश भाई ओझा प्रख्यात कथावाचक रमेश भाई ओझा ने यहां कहा कि आप सभी एकल योद्धा हैं। बहुत वर्ष पूर्व देश मे एक सर्वे किया गया कि आपकी दृष्टि में समाज मे सबसे आदरणीय कौन है। आप सबसे अधिक किसको चाहते हैं। जिसमें पता चला कि सबसे ज्यादा आदर पूर्वक लोग अध्यापक और सैनिक को मानते हैं। एक सीमा पर लड़ रहा है। अध्यापक अपने विद्यालय है वह अज्ञान के खिलाफ लड़ता है। ये युद्ध ज्यादा महत्वपूर्ण है। हमारे देश की शिक्षा की दर 74 फीसद है। रमेश भाई ओझा ने कहा कि हमको चरित्रवान विद्यार्थी चाहिए। वरना निर्भया कांड रुक नहीं पाएंगे । न्यायिक व्यवस्था में बदलाव हो रहे हैं। मगर ये समाधान नहीं हैं। चरित्र निर्माण जरूरी है। एकल अभियान बढिय़ा काम कर रहा है। संस्कार और राष्ट्रभक्ति भरी जाए।
एक हजार साल के संघर्ष के बावजूद हमको आध्यात्म ने बचाया
कृष्ण गोपाल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह संचालक कृष्ण गोपाल ने देश की एकता और आध्यत्मिकता की व्याख्या की। उन्होंने कहा कि भक्ति का ये भाव ही जोड़ रहा है। हम सबमें ईश्वर देखते हैं। ये अनुभव बढ़ता है। तब देश बढ़ता है। भारत आध्यात्म के आधार पर संकटों का सामना करता है। भारत का वैभवकाल था, हम विश्व मे नम्बर एक थे। हर जगह एक थे मगर बुरे काल का प्रभाव एक हजार साल तक रहा। इतने संघर्ष हुए मगर दुनिया में केवल हम ही हैं जो अपनी संस्कृति और सभ्यता को बचाए रख सके। बंगाल से वन्दे मातरम का नारा उठता है ये मंत्र देश को स्वतंत्र करा देता है। हमने धर्म की रक्षा में बहुत कुछ खोया। बहुत परिश्रम किया। हमारा देश गरीबी और अनपढ़ हो गया।