UP: ITI में डेढ़ लाख सीटें घटाने का फैसला, निजी संस्थानों में भी तीसरी पाली बंद; जानें क्या है पूरा मामला
यूपी बोर्ड और सीबीएसई बोर्ड की तर्ज पर प्रमोट होने का सपना देख रहे आइटीआइ के करीब पांच लाख विद्यार्थियों की परीक्षा की घोषणा के बाद अब डेढ़ लाख सीटों को कम करके महानिदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन ने आइटीआइ में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की मुसीबत बढ़ा दी है।
लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। यूपी बोर्ड और सीबीएसई बोर्ड की तर्ज पर प्रमोट होने का सपना देख रहे आइटीआइ के करीब पांच लाख विद्यार्थियों की परीक्षा की घोषणा के बाद अब डेढ़ लाख सीटों को कम करके महानिदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन ने आइटीआइ में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की मुसीबत बढ़ा दी है। महानिदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन की बीते दिनों हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। राज्य व्यावसायिक शिक्षा परिषद की ओर से राजधानी समेत सूबे की सभी आइटीआइ को गुणवत्ता युक्त तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने की पुख्ता तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। उधर, निजी संस्थानों में भी तीसरी पाली बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।
आनलाइन कोर्स पूरा कराने की चुनौती के बीच अनुदेशकों को विद्यार्थियों की शंकाओं का समाधान भी आनलाइन करने का निर्देश निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन कुणाल सिल्कू ने दिए हैं। कंफीडरेशन आफ प्राइवेट आइटीआइ एसोसिएशंस ऑफ इंडिया के अध्यक्ष उमेश मिश्रा व कोषाध्यक्ष डा. एपी सिंह की मौजूदगी में हुई बैठक में इसका विरोध करने का निर्णय लिया गया। मंडल अध्यक्ष यूपी बोर्ड और सीबीएसई की तर्ज पर आइटीआइ विद्यार्थियों को प्रमोट करने की मांग की गई थी। मंडल अध्यक्ष राजेंद्र द्विवेदी ने बताया कि इस बार प्रमोट होने से प्रवेश लेने वालों की संख्या अधिक है।
सीटें बढ़ाने के बजाय कम करने का प्रस्ताव अनुचित है। इसके विरोध में बुधवार को बासमंडी चौराहा स्थित रोजगार भवन के अपर निदेशक प्रशिक्षण कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में एसोसिएशन के पदाधिकारी व अनुदेशक शामिल हुए। व्यावसायिक शिक्षा के संयुक्त निदेशक एससी तिवारी ने बताया कि सभी सरकारी और निजी संस्थानों में आनलाइन तकनीकी शिक्षा देनेे का कार्य शुरू हो गया है। भारत सरकार के महानिदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन की ओर से सीटों में कटौती की गई है। इससे राज्य व्यावसासिक प्रशिक्षण से कोई लेना देना नहीं है।
आइटीआइ पर एक नजर
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