ग्राहकों के वीजा कार्ड का डाटा लीक, मोबाइल पर OTP आते ही मचा हड़कंप
बड़ी संख्या में ग्राहकों के रजिस्टर्ड मोबाइल पर आया ओटीपी। बैंक अफसरों ने बिना देरी किए अपने खाते के कार्ड किए ब्लॉक।
लखनऊ, पुलक त्रिपाठी। ग्राहक सेवाओं को लेकर बैंक प्रबंधनों के दावों को जबरदस्त झटका लगा है। विभिन्न बैंकों द्वारा ग्राहकों को दिए जाने वाले वीजा कार्ड का डाटा लीक हो गया है। बड़ी तादाद में खाताधारकों के मोबाइल पर आए वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) के बाद सनसनीखेज मामले का खुलासा हुआ। बैंक अफसरों व कर्मचारियों ने अपने कार्ड ब्लॉक कर दिए हैं, मगर आम खाताधारक मामले से अनजान हैं। डाटा किस स्तर पर लीक हुआ है, इसकी सही जानकारी दिए जाने से बैंक अधिकारी कतरा रहे हैं।
दरअसल, ग्राहकों को दिए जाने वाले अधिसंख्य डेबिट व क्रेडिट कार्ड वीजा कंपनी के हैं। बीते दिनों बैंक खाताधारकों के मोबाइल पर कार्ड डिटेल के साथ ओटीपी आने के बाद हड़कंप मच गया। बतौर खाताधारक बैंक अधिकारियों ने तो अपने खातों को बिना देरी किए ब्लॉक करा दिया, मगर बैंक अधिकारियों को अब ग्राहकों की चिंता सता रही है।
हाल ही में जारी हुए हैं कार्ड
विभिन्न बैंकों की ओर से हाल ही में ग्राहकों को नए कार्ड यानी चिप बेस्ड कार्ड जारी किए गए हैं। जिससे डेबिट और क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल के दौरान फ्रॉड की घटनाओं को रोका जा सके। मगर ग्राहकों के मोबाइल पर आ रहे ओटीपी से हर किसी की नींद उड़ गई है।
ग्राहकों को टरकाकर बैंक ब्लॉक कर रहे कार्ड
बैंक अधिकारी व कर्मचारी मोबाइल पर ओटीपी पहुंचने के बाद बैंक पहुंच रहे ग्राहकों को सही जानकारी देने से बच रहे हैं। ग्राहकों की मानें तो ओटीपी दिखाने पर पहले बैंक कर्मी यह कहते हैं कि निश्चित तौर पर आपने ट्रांजेक्शन किया होगा। ग्राहक के सख्ती से पेश आने पर बैंक कर्मी उनका कार्ड ब्लॉक कर उन्हें संतुष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं।
क्या कहते हैं आरबीआइ प्रवक्ता ?
आरबीआइ प्रवक्ता अल्पना किल्लावाला का कहना है कि संबंधित बैंक को इस पर गंभीरता से कार्रवाई करनी होगी। ऐसे मैसेज मिलने पर ग्राहक बिना देर किए अपने बैंक को कार्ड ब्लॉक करने के लिए कहें। जिससे वित्तीय नुकसान की दशा में ग्राहक को दोषी न माना जाए।
क्या कहते हैं अफसर?
मुंबई बैंक ऑफ इंडिया के कार्ड इश्यूएंस अधिकारी सुशील सिन्हा ने बताया कि डाटा कहीं से लीक हुआ है या फिर हैक करने का प्रयास किया गया है। किस स्तर पर यह हुआ है। मेरे कार्ड पर भी मैसेज आया है। फ्रॉड रिस्क डिपार्टमेंट या साइबर सेल ही वास्तविकता का पता लगा सकता है।