हज, उमरा व कुर्बानी से जुड़े सवालों का पाएं जवाब, लखनऊ में दारूल उलूम निजामिया ने शुरू की हेल्पलाइन
लखनऊ में दारूल उलूम निजामिया फरंगी महल की ओर से इस साल भी ईद उल अजहा हेल्पलाइन की शुरुआत की गई है। इस हेल्प लाइन से लोग मोबाइल फोन और वेबसाइट के जरिये कुर्बानी हज व उमरा और अन्य समस्याओं से संबंधित सवाल पूछ सकते हैं।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। दारूल उलूम निजामिया फरंगी महल की ओर से इस साल भी ईद उल अजहा हेल्पलाइन की शुरुआत की गई है। इस हेल्प लाइन से लोग मोबाइल फोन और वेबसाइट के जरिये 24 जुलाई तक दोपहर दो बजे से शाम चार बजे तक कुर्बानी, हज व उमरा और अन्य समस्याओं से संबंधित सवाल पूछ सकते हैं।
हेल्पलाइन पर आने वाले सवालों के जवाब इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की अध्यक्षता में गठित एक पैनल देगा। हेल्पलाइन के नंबर 9335929670 /7007705774 /9415102947/ 9140427677 और वेबसाइट http://www.islamiccentreofindia.com/about.html पर संपर्क किया जा सकता है। सोमवार को हेल्पलाइन पर कई लोगों ने फोन कर अपने सवाल पूछे।
प्रश्न : क्या मैं अपने मरहूम वालिद के नाम से कुर्बानी करा सकता हूं ?
उत्तर : जी हां। ईसाल सवाब के लिए करा सकते है।
प्रश्न : एक बकरे के कान पैदाइशी बहुत छोटे हैं तो क्या उसकी कुर्बानी सही है ?
उत्तर : जी हां, ऐसे बकरे की कुर्बानी सही है।
प्रश्न : कुर्बानी के गोश्त को किस तरह से इस्तेमाल करना चाहिए ?
उत्तर : बेहतर है कि कुर्बानी के गोश्त के तीन हिस्से किए जाएं। एक हिस्सा गरीबों को, दूसरा रिश्तेदारों और तीसरा अपने लिए रखना चाहिए।
प्रश्न : 4 अरफा (9 जिलहिज्ज) के दिन रोजा रखने का क्या सवाब है ?
उत्तर : हदीस शरीफ में आया है कि इससे एक साल के अगले पिछले गुनाह माफ हो जाते हैं।
प्रश्न : कुर्बानी के लिए एक शख्स ने बकरी खरीदी, लेकिन इसके थन खराब थे तो क्या ऐसे जानवर की कुर्बानी हो सकती है ?
उत्तर : अगर बकरी के थन खराब थे तो ऐसी बकरी की कुर्बानी सही नहीं है।