साइबर इकोनॉमिक फ्राड: कई राज्यों में फैला था चाइनीज ठगों का नेटवर्क, ATS की निगाहें अब तेलंगाना में पकड़े गए प्रशांत पर
तेलंगाना में पकड़े गए प्रशांत को आज लखनऊ के कोर्ट में पेश करेगी एटीएस। साइबर इकोनॉमिक फ्राड का मामला कई अन्य आरोपितों पर नजर। प्रशांत से शुरुआती पूछताछ में कुछ अन्य संदिग्धों के नाम भी सामने आए हैं।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने साइबर इकोनॉमिक फ्राड के जिस मामले की जांच संभल व मुरादाबाद से शुरू की थी, उसकी जड़ें दिल्ली, महाराष्ट्र, तेलंगाना, हरियाणा व अन्य राज्यों से जुड़ी हैं। जांच के कदम आगे बढ़ने के साथ ही एटीएस के सामने मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं।
खासकर चीनी नागरिकों को उपलब्ध कराए गए प्रीएक्टीवेटेड सिम कार्डों की गुत्थी सुलझाना चुनौती साबित हो रहा है। एटीएस की निगाहें अब तेलंगाना से पकड़े गए आरोपित प्रशांत पोट्टली पर टिकी हैं। एटीएस उसे रिमांड पर ले आई है। शनिवार को उसे लखनऊ की कोर्ट में पेश किया जाएगा।
तेलंगाना में पकड़े गए प्रशांत ने गुरुग्राम में होटल संचालन के दौरान चाइनीज दंपती के संपर्क में रहने और उनके साथ कई व्यावसायिक गतिविधियों में संलिप्त रहने की बात स्वीकार की है। एटीएस अब इस बात का पता लगा रही है कि चाइनीज दंपती के साथ प्रशांत व महाराष्ट्र का निवासी अब्दुल रज्जाक किन कारोबार में शामिल थे और साइबर इकोनॉमिक फ्राड में उनकी भूमिका क्या थी। सूत्रों का कहना है कि प्रशांत से शुरुआती पूछताछ में कुछ अन्य संदिग्धों के नाम भी सामने आए हैं।
हालांकि, अब तक यह साफ नहीं हो सका है कि दिल्ली के बैंक खातों में जमा कराई गई साइबर ठगी की रकम का इस्तेमाल कहां हो रहा था। एटीएस प्रशांत को कोर्ट में पेश करने के बाद उसे पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने का प्रयास करेगी। उसका सामना पूर्व में पकड़े गए चीनी नागरिक सुन जी यिंग, पोचंली टेंगली उर्फ ली टेंग ली और जू जुंफू से भी कराया जा सकता है।